जिनागम

बेंगलोर में शिखरजी बचाओ में देखी गयी

जिनशासन की नारियों की संगठित शक्ति की परिकाष्ठा

बेंगलोर शिखरजी

बेंगलोर: श्री लब्धिसूरि जैन धार्मिक शिक्षक/शिक्षक उत्कर्ष ट्रस्ट द्वारा शिखरजी बचाओ अभियान के तहत आज श्री आदिनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर, चिकपेट से विराट रैली का आयोजन पंन्यास प्रवर श्री कल्परक्षितविजयजी म.सा. के वासक्षेप एवं मांगलिक के साथ ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोकभाई संघवी ने हरी झंडी बताई। सचिव देवकुमार के जैन ने श्रीफल (नारियल) फोड़कर सुरेन्द्र सी. शाह गुरूजी के मार्गदर्शन में रैली प्रस्थान हुई, प्रथम बार सिर्पâ नारीयों की झलक दिखाई दी।

मरेंगे या मिटेंगे… शिखरजी लेकर रहेंगे…,
आधी रोटी खाएंंगे… शिखरजी को पायेंगे…
जैसे एकता का सुन्दर नजारा
शिखरजी रक्षा का उद्देश्य हमारा…
save शिखरजी यह है हमारा…

आदि श्लोकों से गुंजायमान जोश और होश के साथ कदम टाउन हॉल की तरफ बढ़ते गये। ट्रस्ट अध्यक्ष अशोक जे. संघवी ने कहा २०-२० तीर्थकरों की पावन भूमि के लिए आपका समर्पण भाव ही रक्षा करेगा। टाउन हॉल के सामने धरने पर बैठी महिलाओं द्वारा बार- बार सूचना दी जा रही थी। सचिव देवकुमार के. जैन ने कहा करोड़ों जैन मुनि भगवंतों में २४ तीर्थंकर हुए। २४ में से बीस तीर्थंकरों की निर्माण स्थली सम्मेतशिखरजी को बचाने का हर नागरिक का कर्तव्य है। २७ किलोमिटर की पैदल यात्रा करते हैं,

जिसे मुगल सम्राट अकबर बादशाह ने मालिकी हक जैनों को दिया था, तो झारखंड सरकार द्वारा पर्यटन के नाम व अन्य जाति के मंदिर निर्माण का निर्णय सरासर गलत है। आज पूरे भारतवर्ष में ही नहीं, न्यूयार्वâ, वैâनाडा से भी इसका विरोध हुआ है, अन्य स्थलों पर समय-समय पर रैलीयां आयोजित की गई, हमारा झारखंड सरकार से निवेदन है कि ऐसा प्रस्ताव पारित करें कि भविष्य में इस तीर्थ पर अधिग्रहण का दु:साहस कोई सरकार ना कर सके। कोर्डीनेटर गौतम सोलंकी जैन व सह सचिव मांगीलाल भगत जैन ने अपने विचार रखे। महिला वींग की पुष्पा जोगाणी ने कहा जिस तरह आज नारियल फोड़कर रैली का शुभारंभ किया गया, जरूरत पड़ी तो सब नारियां अपना सिर फोड़ने के लिए तैयार रहेंगी, जिनशासन के प्रति समर्पित रहेंगी। साध्वीवर्या के साथ हजारों नारियों ने इस रैली में भाग लिया, इस संबंध में राज्यपाल कार्यालय को एक ज्ञापन सौंपा गया, बेंगलोर में विराजित सभी गुरू भगवंतों के आशीर्वाद से रैली का सफल आयोजन हुआ, सभी आचार्यों ने एक प्रस्ताव पारित किया। जिसे सभी अधिकारियों को भेजी गयी।

– देवकुमार के. जैन

श्री ऊना तीर्थ

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