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आपणो राजस्थान २०१९
सिंधी अनमोल रतन
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सम्पादकीय
जनवरी-२०२२
बिजय कुमार जैन
वरिष्ठ पत्रकार व सम्पादक
हिंदी सेवी-पर्यावरण प्रेमी
भारत को भारत कहा जाए
का आव्हान करने वाला एक भारतीय
गौवंश को बचाने के लिए हमें २०२२ की शुरुआत से प्रण लेना होगा कि गाय हमारी माता है जिन्हें हमें बचाना होगा
यह हम सभी कहते हैं,हमारे साधु भगवंत हमेशा गौवंश को बचाने के लिए कई-कई कार्यक्रम,अनशन, तप-तपस्या के द्वारा
मांग करते आए हैं। भारत सरकार ने भी इस मार्मिक विषय पर संज्ञान भी लेती रही है लेकिन पूरा नहीं कर पाई है इसलिए
आज भी गौ-हत्या जारी है। मूक प्राणी की हत्या आज भी हो रही है, इसके लिए मेरा दिल दुखी होता रहा है जिसके लिए पूर्व
में मैंने कई-कई विशेषांक भी निकाले हैं, गौशालाओं के बारे में हमेशा लिखता रहा हूं।
प्रस्तुत अंक में मेरे प्रिय मित्र और ‘^^^^^^जिनागम’ के प्रबुद्ध पाठक ताराचंद जी जैन, जो देवघर के प्रवासी हैं उनके द्वारा
लिखे गए लेख ने मुझे उद्वेलित कर दिया और मैंने घोषणा कर दी कि वर्ष २०२२ को पांच राज्यों में होने वाले चुनाव के
प्रत्याशियों से हमें वायदे लेने होंगे कि जो भी प्रत्याशी विधानसभा में जाना चाहता है उसे विधानसभा में यह प्रस्ताव पारित
करवाना होगा कि जो भी गौ-हत्या प्रकरण में लिप्त पाया गया उसे आजीवन कारावास की सजा मिलेगी।
दोस्तों! आपका साथ चाहिए, मुझे पूरा विश्वास है कि होने वाले पांच राज्यों के चुनाव की घोषणा चुनाव आयोग ने १०
फरवरी से ७ मार्च तक किया है जिसमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा राज्यों में हर चुनाव लड़ रहे
प्रत्याशी से हम सभी अहिंसा प्रेमी निवेदन करेंगे कि विधान सभा में प्रस्ताव पारित करवाया जाए कि मूक प्राणियों की हत्या
बंद होगी ताकि इन पांच राज्यों में गौ-हत्या पूर्णतया बंद हो जाए।
‘भारत को केवल‘भारत’ ही बोला जाए’ अभियान की सफलता के लिए बहुत ही खुशी की बात है भारत के केंद्रीय गृह मंत्री
अमित शाह जी के कार्यालय से पत्र आया है कि यदि आप संविधान से ‘इंडिया’ हटाना चाहते हैं तो आप कानून मंत्रालय से
संपर्क करें।
कानून मंत्रालय से भी संपर्क किया गया तो उनका भी जवाब पत्र के माध्यम से आया है कि वापस आपको गृह मंत्रालय से ही
संपर्क करना होगा। दोनों ही पत्र प्रस्तुत अंक में ‘जिनागम’ के प्रबुद्ध पाठकों के अवलोकन हेतु पेज नं.५ पर प्रकाशित भी
किया गया है।
‘जैन एकता’ के अभियान की सफलता के लिए आप से एक बार फिर से निवेदन करता हूं हम सभी भाई-बहन एक साथ मिल
कर रहें और ‘जय भारत’बोलें।
जय जिनेंद्र!
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