मानवसेवा के मसीहा आचार्य श्री ऋशभचन्द्रसूरि को स्थानीय पुलिस प्रशासन ने पूरे सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई मंत्री श्री ओम सकलेचा एवं मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव की विशेष उपस्थिति में
मानवसेवा के मसीहा आचार्य श्री ऋशभचन्द्रसूरि को स्थानीय पुलिस प्रशासन ने
पूरे सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई
मंत्री श्री ओम सकलेचा एवं मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव की विशेष उपस्थिति में
राजगढ़ (धार) ०४ जून २०२१। श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा तीर्थ द्वारा वरिष्ठ कार्यदक्ष
मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा. की पावनतम निश्रा में अपने गुरु को मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा.,
मुनिराज श्री चन्द्रयशविजयजी म.सा., मुनिराज श्री पुष्पेन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री निलेशचन्द्रविजयजी
म.सा., मुनिराज श्री रुपेन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री वैराग्ययशविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जिनचन्द्रविजयजी
म.सा., मुनिराज श्री जीतचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जनकचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री
जिनभद्रविजयजी म.सा. एवं साध्वी श्री सद्गुणाश्री जी म.सा. व साध्वी श्री संघवणश्री जी म.सा. आदि ठाणा ने नम
आंखों से अपने गच्छ के महानायक एवं त्रिस्तुतिक जैन संघ के पाट परम्परा के अष्ठम पट्टधर गच्छाधिपति
आचार्यदेव श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. को अंतिम विदाई पूरे मंत्रोच्चार के साथ स्थानीय पुलिस
प्रशासन व जिला प्रशासन की उपस्थिति में दी गयी। श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट ने कोरोना प्रोटोकाल को
ध्यान में रखते हुये पीपीई किट पहन कर आचार्यश्री को ट्रस्ट मण्डल की और से महामंत्री फतेहलाल कोठारी, मेनेजिंग
ट्रस्टी सुजानमल सेठ, शांतिलाल साकरिया, कमलचंद लुनिया, मांगीलाल पावेचा, चम्पालाल वर्धन, जयंतिलाल
बाफना, बाबुलाल खिमेसरा, मेघराज लोढा, पृथ्वीराज कोठारी, संजय सराफ, मांगीलाल रामाणी, आनन्दीलाल
अम्बोर, कमलेश पांचसौवोरा व आमंत्रित ट्रस्टी बाबुलाल डोडियागांधी, भेरुलाल गादिया एवं आचार्यश्री के सांसारिक
परिवार सियाणा से देवन जैन, सुषमा जैन, तीर्थ के महाप्रबंधक अर्जुनप्रसाद मेहता, सहप्रबंधक प्रीतेश जैन ने
मुखाग्नि दी। श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ के इतिहास में पहली बार किसी आचार्य को बिना किसी चढ़ावों की जाजम के
साथ मध्यप्रदेश शासन व पुलिस प्रशासन की और से स्थानीय पुलिस ने सलामी के साथ विदाई दी। गुरु भक्तों ने गुरु
को समर्पण करने के लिये ट्रस्ट के निर्णयानुसार गौशाला में जीवदया हेतु दान की घोषणा की गई।
अंतिम विदाई से पूर्व आचार्यश्री को पूरे विधि विधान के साथ केश लोचन करवाया गया। समस्त मुनिभगवन्तों एवं
साध्वीवृंदों ने आचार्यश्री को अंतिम गुरु वंदना की विधि सम्पन्न की। गुरु वंदन के पश्चात पालकी निकालकर
आचार्यश्री को अंतिम संस्कार स्थल पर ले जाया गया। कार्यदक्ष मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिमण्डल
व विधिकारक हेमन्त वेदमुथा, पण्डित मुरलीधर पण्डया, पण्डित कपील बांसवाड़ा आदि ने विधिविधान पूर्ण संस्कार
कार्यक्रम किया तत्पश्चात् आचार्यश्री को अंतिम विदाई ट्रस्टमण्डल द्वारा म.प्र. शासन के कोरोना प्रोटोकाल के तहत्
दी गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या गुरुभक्तों ने कोरोना प्रोटोकाल के चलते आचार्यश्री का अंतिम संस्कार कार्यक्रम यु
ट्युब एवं फेसबुक पर देखा और अपने गुरु को जहां थे वहां से श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम में जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन की और से अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री कनेश, तहसीलदार श्री
पी. एन. परमार, नायब तहसीलदार श्री परिहार, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस रामसिंग मेढा, थाना प्रभारी दिनेश
शर्मा, बीएमओ डॉ. शीला मुजाल्दा, डॉ. एम.एल. जैन, डॉ. एस. खान उपस्थित रहे।
मानवसेवा के मसीहा आचार्य श्री ऋशभचन्द्रसूरि को स्थानीय पुलिस प्रशासन ने
पूरे सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई
मंत्री श्री ओम सकलेचा एवं मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव की विशेष उपस्थिति में
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सम्पादकीय
नवंबर २०२३
बिजय कुमार जैन वरिष्ठ पत्रकार व सम्पादक
हिंदी सेवी-पर्यावरण प्रेमी
भारत को भारत कहा जाए
का आव्हान करने वाला एक भारतीय
२५५० वें तीर्थंकर महावीर निर्वाणोत्सव पर विश्व के हर जैन परिवारों में ‘भारत नाम सम्मान’ के लिए भी एक दीप जले
वर्ष २०२३ में विश्व में फैले अहिंसामयी, दृढ संकल्पी, पंच व्रति जैन, इस वर्ष तीर्थंकर महावीर का निर्वाणोत्सव २५५०वां वर्ष के रूप में धूमधाम से मनाएगें, एक-दूसरे को ‘दीपावली’ पर्व की शुभकामनाएं भी देंगे, आतिशबाजी नहीं करेंगे, लेकिन अपने आंगन को दीपों से जरूर जगमगाएगें।
मेरा सभी परिवारों से निवेदन यह है कि एक ‘दीपक’ ‘भारत नाम सम्मान’ के लिए भी जरूर जलाएं ताकि ‘भारत’ विश्व को कह सके कि ‘मैं भारत हूँ’।
‘भारत को केवल BHARAT ही बोला जाए INDIA नहीं’ अभियान विश्व स्तर पर पहुंच चुका है, इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाना है जिसके लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा, बहुत जल्द ‘मैं भारत हूँ’ फाउंडेशन के पदाधिकारीगण लखनऊ, पटना, देहरादून, शिमला, चंडीगढ़, अहमदाबाद आदि-आदि क्षेत्रों में कार्यक्रम करेंगे, समितियां बनाएंगे और हर विधानसभा व राज्य के मुख्यमंत्री से निवेदन करेंगे कि विधानसभा में केवल ‘भारत’ का उल्लेख हो और राज्य के राज पत्र (Gazette) में INDIA के उल्लेख को विलुप्त किया जा सके।
निवेदन यह भी करता हूँ कि ‘दीपावली’ पर्व पर अपने घर को सजाने के साथ मन को भी साफ करें, पंथों में विभाजित जैन समाज को एकता के बंधन में रहने के लिए समाज व धर्म के संतों से भी निवेदन करें कि ‘ना हम दिगम्बर-ना हम श्वेताम्बर’ हम तो बस केवल ‘जैन’ हैं, ताकि आने वाला वर्ष ‘जैनों’ का कहलाए, हमारे तीर्थों का रख-रखाव हम ही करें। हमारे संतों के विहार आदि में किसी प्रकार का दोष ना हो पाए।
…. और भी एक निवेदन करता हूं कि अब एक दूसरे का अभिवादन ‘जय जिनेंद्र’ के साथ ‘जय भारत’ के साथ भी करें ताकि धर्म व समाज के साथ देश का भी सम्मान बढे।
जय जिनेंद्र!
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