श्वेताम्बर तेरापंथ (Shvetambara Terapanth in Hindi)
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श्वेताम्बर तेरापंथ (Shvetambara Terapanth in Hindi)
आप आपरौ गिलो करै, ते आप आपरो मंत।
सुणज्यो रे शहर रा लाका, ऐ तेरापंथी तंत
(१) सभी साधु-साध्वियाँ एक ही आचार्य की आज्ञा में रहें।
(२) वर्तमान आचार्य ही भावी आचार्य का निर्वाचन करें।
(३) कोई भी साधु अनुशासन को भंग न करे।
(४) अनुशासन भंग करने पर संघ से तत्काल बहिष्कृत कर दिया जाए।
(५) कोई भी साधु अलग शिष्य न बनाए।
(६) दीक्षा देने का अधिकार केवल आचार्य को ही है।
(७) आचार्य जहाँ कहें, वहाँ मुनि विहार कर चातुर्मास करे, अपनी इच्छानुसार ना करे।
(८) आचार्य श्री के प्रति निष्ठाभाव रखे,आदि।
श्वेताम्बर तेरापंथ संघव्यवस्था (Shvetambara Terapanth federation in Hindi )
तेरापंथ के आचार्य तेरापंथ में हुए १० आचार्यों की गौरवशाली परम्परा
१.आचार्य श्री भिक्षु
२.आचार्य श्री भारीमाल
३.आचार्य श्री रायचन्द
४.आचार्य श्री जीतमल
५.आचार्य श्री मघराज
६.आचार्य श्री माणकलाल
७.आचार्य श्री डालचन्द
८.आचार्य श्री कालूराम
९.आचार्य श्री तुलसी
१०.आचार्य श्री महाप्रज्ञ
११.आचार्य श्री महाश्रमण वर्तमानाचार्य