इंडिया नहीं भारत बोलें सभा सम्पन्न (Speak Bharat not India the meeting is over in Hindi)
इंडिया नहीं भारत बोलें सभा सम्पन्न (Speak Bharat not India the meeting is over in Hindi)
सत्य, अहिंसा और विश्व शांति के अग्रदूत जन-जन के आराध्य वर्तमान शासन नायक श्री १००८ तीर्थंकर महावीर की २६२० वी
जन्म कल्याणक दिनांक २५ अप्रैल २०२१ के पावन स्वर्णिम अवसर पर ‘मैं भारत हूँ’ संघ के तत्वाधान में एक भव्य वेबीनार का
आयोजन कर किया गया। वेबीनार के प्रारंभ में मंगलाचरण पाठ राष्ट्रीय संवाददाता पारस जैन ‘पार्श्वमणि’ पत्रकार कोटा
राजस्थान में अपनी सुमधुर आवाज में सभी को भावविभोर कर दिया। संघ के अध्यक्ष बिजय कुमार जैन मुंबई ने बताया कि इस
अवसर पर जैन धर्म और देश के विकास के लिए काम करने वाले नवरत्नों को सम्मानित किया गया। जिसमें पारस जैन पार्श्वमणि
पत्रकार कोटा, खिल्लीमल जैन अलवर, प्रदिप बडजात्या इंदौर, पूर्व न्यायाधीश पानाचंद जैन जयपुर, इंदु जैन दिल्ली, साहिल जैन
धूलियान, पद्मश्री बिमलजैन पटना प्रमुख थे। इन्होंने अलग-अलग आयामों में जैन धर्म दर्शन में अपनी सेवाएं समाज को निस्वार्थ
भाव से समर्पित की। मंच का सफल संचालन खुशबू जैन ने बहुत ही शानदार अंदाज में किया जो एवं तीर्थंकर महावीर स्वामी की एवं
तीर्थंकर महावीर स्वामी की जीवनी का वर्णन किया। साथ ही कोमल जैन कनक कोचर, पुष्पा देवी, अर्चना जैन और रवि जैन,
श्रेयांश बैद ने अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति देकर सबका मन जीत लिया। विदित हो कि संगीतकार व गीतकार रवि जैन ‘मैं भारत हूँ’ संघ
द्वारा इंडिया नहीं भारत बोले पर एक भारत गीत भी बनाया गए। इस अवसर पर सभी ने भगवान महावीर के दिखाए अहिंसा और
सत्य के पथ पर चलने का संकल्प लिया साथ ही अपने देश को भारत के नाम से पुकारने के अभियान को युद्ध स्तर पर ले जाने की
शपथ ली।
इंडिया नहीं भारत बोलें सभा सम्पन्न (Speak Bharat not India the meeting is over in Hindi)
बिजय कुमार जैन
वरिष्ठ पत्रकार व सम्पादक
हिंदी सेवी-पर्यावरण प्रेमी
भारत को भारत कहा जाए
का आव्हान करने वाला एक भारतीय
महावीर जन्म कल्याणक पर्व ‘जैन एकता’ के साथ मनाएं
२६ साल पहले मेरे मन में एक ख्याल आया कि २४ तीर्थंकरों के अनुयायी हम सभी अहिंसाप्रेमी कई-कई पंथों में क्यों बंटे हुए हैं, जबकि हमारी जनसंख्या सरकारी आंकड़ों के अनुसार करीब५० लाख ही है और ५० लाख में हम ५० पंथों में बंटे हुए हैं, हर कोई अपने आपको एकदूसरे से बड़ा दिखाने की कोशीश करता है जबकि बड़े केवल २४ तीर्थंकर ही हैं, २५वॉ तीर्थंकरहो नहीं सकता पंचम काल में, जबकि सभी के लिए प्रात: वंदनीय ‘णमोकार मंत्र’ ही है, फिर भी इतना अलगाववाद क्यों?
कलम का धनी होने के कारण मन में यह ख्याल आया कि क्यों न एक पत्रिका का प्रकाशन करâं और वो ‘जैन एकता’ के लिए ही हो, पत्रिका का नाम रखा ‘जिनागम’। लगातार प्रकाशन करना आज के इलेक्ट्रानिक व सोशल मिडिया के युग में बहुत ही मुश्किल भरा कार्य था पर आज तक
यह सफर जारी है इसका मुख्य कारण आज जैन समाज में कई ऐसे भाग्यशाली हैं जो मात्र जैन समाज का हित चाहते हैं, संगठन चाहते हैं, एकता चाहते हैं अपने पद तक की परवाह नहीं करते, पर कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें केवल स्वयं से प्यार है, समाज से कोई लेना-देना नहीं, यह तो हुयी श्रावकों की बात, यदि साधु-संतों की बात की जाए तो उनकी तो बात ही निराली है। साधु-संत भले ही अपने परिवार का परित्याग कर मोक्षमार्ग को स्वीकार कर लिया पर लोभ-लालच से आज भी संलग्न हैं, अपने-अपने मठ, नाम, आचार्य पद हो या अवतरण (जन्म) दिवस या हो दिक्षा दिवस, श्रावकों को विवश कर लाखों ही नहीं, करोड़ों की राशी खर्च करवाते हैं।
सचमुच कलयुग का समय है, जो हो रहा है सही नहीं हो रहा है, जो होना चाहिए वह हो नहीं पा रहा। पिछले २६ सालों में मैंने जो कुछ जाना, सुना, देखा, मन व्यथित हो जाता है कि क्या हो गया है, अहिंसामयी जिन शासन को…
‘जैन एकता’ आज के समय की ही नहीं युग की मांग है, बड़े बड़े मंदिर, आलिशान मठ आदि का निर्माण तो हर जरूर कर रहे हैं जिसकी भविष्य में सुरक्षा व रख-रखाव की आवश्यकता पड़ेगी, जिसके लिए एक ही हथियार काम आयेगा वह होगा ‘जैन एकता’ जिसके द्वारा आने वाली पिढ़ी तीर्थों, मंदिरों, मठों की सुरक्षा करेगी जो कि हमारे पूजनीय साधु-संतों द्वारा निर्मित किया गया या जा रहा है।
समय आ गया है समस्त जैन समाज की विश्वसनीय घोषित विश्वस्तरीय ‘जैन एकता’ के लिए प्रयासरत ‘जिनागम’ पत्रिका का आव्हान ‘ना हम दिगम्बर-ना हम श्वेताम्बर हम-सब जैन हैं’। तीर्थंकर महावीर जन्म कल्याणक पर्व पर ३ मार्च २०२३ को ‘जैन एकता’ की जय-जयकार करें ताकि विश्व में पैâले जिन धर्मावलम्बी बोलें कि ‘हम-सब जैन हैं’। भारत को Bharat ही बोला जाए अभियान की सफलता के लिए भारत के हर राज्य की राजधानी में Principal Conclave का आयोजन कर रहे हैं, यदि आप भी इस अभियान में सम्मिलित
होकर नाम की स्वतंत्रता में शामिल होना चाहते हैं तो मुझसे जरूर संपर्क करें। जय जिनेंद्र!
लेटेस्ट अपडेटस प्राप्त करने के लिए खुद को सब्सक्राइब करें