मैं भारत हूँ फाउंडेशन द्वारा ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन
हम सभी जानते हैं की किसी भी इंसान के संवैधानिक नाम
२ नहीं हो सकते, तो हमारे देश के २ नाम क्‍यों?

रायपुर: लोग कहते हैं और हम सभी भारतीयों को बताया भी गया है कि इंडिया का मतलब ‘भारत’ होता है, ‘भारत’ का मतलब इंडिया होता है, क्या कभी नाम का अनुवाद हो सकता है, जब नाम का अनुवाद नहीं हो सकता तो इंडिया का मतलब भारत या भारत का मतलब इंडिया कैसे हो सकता है? हमारे देश का नाम भी एक ही रहना चाहिए केवल ‘भारत’।
क्योंकि हजारों सालों से हमारे देश का नाम भारत’ ही रहा है, हमने लगभग ढाई सौ साल गुलामी की दास्तॉ सही और अपने आप को इंडियन कहने के लिए मजबूर रहे, पर आज हम स्वतंत्र हैं और हम चाहते हैं कि हम भारतीय बने रहें, क्योंकि पुराणों व वेदों में हमारे देश के नाम का उल्लेख ‘भारत’ ही मिलता है।
पिछले १५ सालों से लगातार हमारा प्रयास रहा है कि पूरी दुनिया अपने देश को एक ही नाम से पुकारें केवल ‘भारत’।
‘मैं भारत हूं फाउंडेशन’ एक अंतरराष्ट्रीय संस्थान है, संस्थान ने विश्व के कोने-कोने में फैले भारतीयों को बताने का प्रयास किया है कि नाम का कभी अनुवाद नहीं होता, भारत को केवल ‘भारत’ ही बोला जाना चाहिए और इसमें आंशिक सफलता भी मिली है। संस्थान ने भारत का ही एक राज्य ‘उत्तर प्रदेश’ के हर गलियों में ‘रथ यात्रा’ निकाली। भारत की राजधानी ‘दिल्ली’ में जन-जन तक अभियान को पहुंचाने के लिए भारत मां के रथ के साथ लोगों से संपर्क किया। दिल्‍ली के सुप्रीम कोर्ट के प्रांगण में अधिवक्ताओं के बीच कार्यक्रम किया। दिल्‍ली में स्थापित जनपथ में बाबा साहेब अंबेडकर इंटरनेशनल सभागार में विशाल कार्यक्रम किया, जिसमें कई राजनीतिक दलों के शिरोधार्य उपस्थित हुए। भारत की जितनी भी सामाजिक संस्थाएं हैं उनसे संपर्क किया गया। देश के कोने-कोने में रहने वाले भारतीयों से सोशल मीडिया व युवा छात्र-छात्राओं से संबंध स्थापित कर पूछा गया कि देश का नाम एक ही कैसे हो केवल ‘भारत’, क्योंकि हजारों सालों से हमारे देश का नाम ‘भारत’ ही रहा है यह वैदिक पुराणों में भी हमें लिखा मिलता है।
‘भारत’ को केवल ‘भारत’ ही बोला जाए’ अभियान को आंशिक सफलता भी मिली है लेकिन जब तक भारतीय संविधान के अनुच्छेद क्रमांक १ में, जहां ‘इंडिया देट इज भारत’ लिखा है वहां ‘भारत ईज भारत’ नहीं लिखा जाएगा तब तक हम भारतीय चैन से नहीं बैठेंगे।
‘मैं भारत हूं फाउंडेशन’ के पदाधिकारीयों ने भारत के केंद्रीय सरकार,सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल आदि से संपर्क कर निवेदन किया है। दिनांक ८ अक्टूबर २०२३ को ‘मैं भारत हूं फाउंडेशन’ के पदाधिकारी भारत का एक राज्य छत्तीसगढ की राजधानी ‘रायपुर’ में स्थापित वृंदावन सभागार में आप सबके समक्ष निवेदन लेकर आए हैं की छत्तीसगढ़ की राजधानी का हर बच्चा, युवा, बुजुर्ग, महिला-पुरुष जब भी किसी का अभिवादन करें ‘जय भारत’ से

ही करें।
हमें पूरा विश्वास है कि आप सभी का साथ हमें मिलेगा और आप अपने क्षेत्र में इस अभियान का उल्लेख जरूर करेंगे और जन जन तक यह बात पहुंचाने में साथ देंगे, क्योंकि हम सभी भारतीय हैं, भारत के रहने वाले हैं और हमारे देश का नाम एक ही रहे केवल ‘भारत’।
कार्यक्रम में उपस्थित राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्रीमती निशा लढ्ढा ने अपने गरिमामयी उद्बोधन से सभागार में उपस्थित छत्तीसगढ वासियों को संबोधित किया। छत्तीसगढ के संयोजक वैâलाश रारा ने सभी का परिचय कराया और कहा कि जब तक ‘भारत को केवल भारत नहीं बोला जाएगा’ मैं चावल ग्रहण नहीं करâंगा। मंच का संचालन चिर-परिचित मंच संचालिका ‘मैं भारत हूँ फाउंडेशन’ की राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ने अपनी गरिमामयी वाणी से संचालित कर रही थीं। उपस्थित मंचासीन वैâलाश रारा रायपुर- छत्तीसगढ संयोजक (मैं भारत हूँ फाउंडेशन), प्रो. रमेन्द्रनाथ मिश्रा रायपुर- अध्यक्ष इतिहास विभाग (Rएन्न्), गिरीश पंकज रायपुर- वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार, बिजय कुमार जैन मुंबई- राष्ट्रीय अध्यक्ष (मैं भारत हूँ फाउंडेशन), प्रदीप जैन रायपुर- सम्पादक दैनिक विश्व परिवार, सुरेन्द्र पाटनी रायपुर- प्रदेश अध्यक्ष भाजपा (र्‍उध् प्रकोष्ठ), राजकुमार राठी रायपुर- महामंत्री अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन ने अपने उद्बोधन दिए। जय भारत! -मैंभाहूँ

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