२३ लाख महाभिषेक के साथ होंगे १००८ अठ्ठतप

बेंगलोर

Maha Abhishekk

राजाजीनगर शंखेश्वर जैन मंदिर में चातुर्मासार्थ विराजित मालव मार्तण्ड पू. आचार्य श्री मुक्तिसागर सुरिजी म.सा. के सानिध्य में पाश्र्वनाथ प्रभु के जन्मकल्याणक के मौके पर ३१ दिसम्बर को होने वाले तीन दिवसीय कार्यक्रम में २३ महाभिषेक, पाश्र्व प्रभु के १००८ अठ्ठम तप का आयोजन किया जा रहा है|३० दिसंबर को १००८ प्रभु मुर्तियों का भव्यातिभव्य विराट जुलूस निकाला जायेगा एवं संध्या को एक शाम पारस के नाम से भक्ति संध्या भी होगी, इस विराट और भव्य आयोजन की जानकारी देते हुए देवकुमार के. जैन ने बताया कि बेंगलोर ही नहीं समग्र दक्षिण प्रांत का सर्वप्रथम एक विराट और अनूठा आयोजन में १००८ जोड़ों सहित २३०० भक्त पाश्र्वप्रभु की नवनिर्मित प्रतिमाओं पर १०८ पवित्र नदियों के जल से तैयार किए गए पंचामृत द्वारा प्रतिमाओं के २३ लाख महाभिषेक करेंगे, इस अवसर पर उत्तम करण संचेती, जीवराज जैन, नरपतराज सोलंकी, विजयराज रायगांधी, नरेशभाई नाहर, सुरेश बंदामुथा आदि अनेक महानुभाव उपस्थित थे।

– देवकुमार के. जैन

चन्द्रप्रभ जैन गौशाला का उद्घाटन शीघ्र ही

बेंगलूरू : यहां निकटवर्ती बुद्धिहॉल में निर्माणाधीन चन्द्रप्रभ जैन गौशाला की सभा गौशाला प्रांगण में हुई। ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रवीण ओसवाल की अध्यक्षता में बैठक में अनेक कार्यों की समीक्षा की गई। दीपावली के उपरांत गौशाला के उद्घाटन का निर्णय लिया गया था। उपाध्यक्ष देवकुमार जैन ने बताया कि अलग-अलग समितियां बनाकर कार्यभार बांटा जाएगा, वयोवृद्ध कोषाध्यक्ष मूलचन्द परमार ने बताया कि कार्य प्रगति पर है। कोई व्यक्ति या संस्था इससे जुड़ना चाहता है तो वह जुड़ सकते हैं। बैठक में सहसचिव चम्पालाल दांतेवाड़िया, महेन्द्र जैन, नितिन जैन, अरविन्द परमार, राहुल जैन आदि उपस्थित थे। गौरतलब है कि आदिनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर चिकपेट द्वारा संचालित चन्द्रपभ मंदिर व विहार धाम के समीप ही यह गौशाला है।

श्रद्धालुओं ने पलक पावड़े बिछाए गिरनार तीर्थ ध्वजा दर्शन हेतु

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बेंगलोर: श्री गिरनार भक्ति परिवार द्वारा गिरनार तीर्थ की ध्वजा को बाजे-गाजे के साथ श्री आदिनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर चिकपेट में प्रवेश पन्यास प्रवर श्री कल्परक्षित विजयजी म.सा. की निश्रा में हुआ। मंदिर में तीन प्रदिक्षणा दिलाई दर्शन वंदन के पश्चात् श्रद्धालुओं को त्याग के मार्ग पर चलने के लिए नियम दिला गए। पन्यास प्रवर श्री कल्परक्षित विजयजी म.सा. ने गिरनार तीर्थ पर घटित घटनाओं की यादों को जागृत किया गया। मुनिराज श्री शीलरक्षित विजयजी म.सा. ने इतिहास के बारे में जानकारी दी एवं श्रावकों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में जुड़ने के लिए आहवान किया गया। गिरनार तीर्थ की ध्वजा के दर्शनार्थ श्रद्धालुओं ने पलक पावड़े बिछाए मंदिरजी के पश्चात् अनेक लाभार्थी परिवार के घर पर दर्शन के लिए भ्रमण कर कर्नाटक, आन्ध्रप्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, पालीताणा होते हुए गिरनार तीर्थ पहुँचेगी वहॉ तीर्थ पर १७-१२-२०१८ को ध्वजा रोहण होगा। इस अवसर पर गौतम सोलंकी, देवकुमार के. जैन, गिरनार भक्ति परिवार के संजय पालगोता, पीयुष मेहता, विनोद विनायकिया सहित अनेक गणमान्य भक्ति उपस्थित थे।

-देवकुमार के. जैन

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