भारतीय भाषा सम्मान यात्रा पर निकले भाषायी सैनिकों का भव्य स्वागत

आगामी

आगामी २५ दिसम्बर,२०१८ से ४ जनवरी २०१९ तक भारतीय भाषा सम्मान यात्रा का आयोजन भारतीय भाषा अपनाओ अभियान के संस्थापक अध्यक्ष, वरिष्ठ पत्रकार एवं सम्पादक बिजय कुमार जैन के नेतृत्व में किया जा रहा है।यह यात्रा ५०० राष्ट्रप्रेमी और हिंदी प्रेमी सेवकों के साथ कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि स्थानों पर होती हुई ४ जनवरी २०१९ को दिल्ली पहुंचेगी तथा हिंदी को देश की राष्ट्रभाषा का संवैधानिक द़र्जा दिलाने के सम्बन्ध में ४ जनवरी २०१९ को अपरान्ह २.३० बजे भारत के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोंविद को तत्सम्बधी ज्ञापन दिया जाएगा। इस निर्धारित यात्रा की पूर्ण व्यवस्था हेतु २१ नवम्बर २०१८ एक दल श्री बिजय कुमार जैन के सानिध्य में प्रात: ९ बजे विभिन्न गन्तव्य स्थलों के लिए रवाना हुआ। रवाना होने के पूर्व अंधेरी में जे.बी.नगर के प्रांगण में स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में सुप्रसिद्ध पंडित दिलीप जी के कर-कमलों द्वारा पूजा अर्चना करवाई गई। भाषा यात्रा के संस्थापक अध्यक्ष एवं अग्रणी सैनिक बिजय कुमार जैन वीरेन्द्र जैन, आकाश कुंभार, मंगेश चव्हाण व भारत विकास परिषद के अध्यक्ष ओम प्रकाश तोदी के साथ कई राष्ट्रप्रेमियों को यात्रा का शुभारंभ कर आशीर्वाद दिया।

श्री जैन ने कहा कि ४ जनवरी २०१९ को भारत के महामहिम राष्ट्रपतिजी पुणेसातारासे देश के १३५ करोड़ भारतीयों की भावना को अभिव्यक्त किया जाएगा कि सभी भारतीय भाषाओं का सम्मान बढ़े तथा भारत की एक राष्ट्रभाषा घोषित हो। इस यात्रा के प्रथम पड़ाव में २१ नवम्बर २०१८ पुणे में श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, साधना सदन, पुणे में सभी हिंदी सेवियों का सम्मान किया गया तथा वहां के समाज सेवियों ने हिंदी को राष्ट्रभाषा दिलाने का पूरजोर समर्थन करते हुए हर संभव सहयोग का विश्वास दिलाया। इस अभियान में पुणे के विजयकांत कोठारी, रमेश ओस्तवाल एवं मनीष जैन का उल्लेखनीय सहयोग रहा। सातारा में श्री राजन मामणीय, मांगीलालजी कोठारी, सचिन दोषी, चन्द्रकांत भाटे, जवानमल जैन की उपस्थिति में हिन्दी सेवियों का स्वागत किया गया।२४ नवम्बर २०१८ की संध्या को यह यात्रा कालीकट पहुंची। कालीकट में गुजराती महाविद्यालय की अध्यक्ष रमाबेन ने उत्साहपूर्वक हिन्दी सेवियों का स्वागत किया। इस अवसर पर कार्यकारिणी के सदस्य तथा सभी सहयोगी उपस्थित थे। महाविद्यालय के अध्यक्ष रमाबेन ने इस राष्ट्रीय अभियान के प्रति प्रसन्नता व्यक्त करते हुये, कहा की हम भी सहर्ष इस राष्ट्रीय अभियान में आपना सहयोग देंगे, हिंदी सेवी २४ नवम्बर २०१८ को सांय. ७ बजे कालीकट से कोयंबटूर पहुंचे, यहां श्वेतांबर जैन मंदिर के अध्यक्ष बाबूलालजी तथा जैन महासंघ के अध्यक्ष चंपालालजी बाफना से भेंट हुई। उन्होंने गुजराती समाज, राजस्थानी समाज तथा अन्य महासंघों के संयोग से इस यात्रा को पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया। २६ नवम्बर २०१८ को कर्नाटक स्थित निपानी में भारतीय भाषा सम्मान यात्रा के लिए आये हुये राष्ट्रभाषा प्रेमियों का जोरदार स्वागत किया गया। और निपानी समाज के ओर से इस यात्रा में सम्मिलित राष्ट्रभाषा प्रेमियों के लिए दोपहर के भोजन की व्यवस्था का आश्वासन दिया। इस अवसर पर बालासाहेब मकदुम, महावीर पाटील, अक्षय पुरंथ, श्रीधर माकलकी, नीलेश शेट्ये, अमर उत्तुरे, सचिन देशमाने, श्रीमती अलका पुरन्त, आशीष खोडबोले, आदि अनेक गणमान्य उपस्थित थे। सभी ने बड़े हर्षोल्लास के साथ ‘हिन्दी’ बने राष्ट्रभाषा अभियान का पुरजोर समर्थन किया। २७ नवम्बर को कुमटा समाज द्वारा हिंदी सेवियों का भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर श्री एस. आर. पटेल, विरामराव जी पटेल, देवजी पटेल, अशोक पटेल, आर. पटेल, के. आर. पटेल, बगताराम एम. पटेल, सुरेश कुमार सुथार, बाबूराम देवासी, हमीरराम देवासी, टीकारामजी, रमेशसिंह आदि गणमान्य उपस्थित थे। सभी ने एक स्वर में हिन्दी को राष्ट्र भाषा का दर्जा दिलाने तथा इस अभियान में पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन दिया।

२८ नवम्बर २०१८ को हिंदी सैनिक हैदराबाद और उसके बाद अदिलाबाद पहुंचे। अदिलाबाद में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का चुनावी कार्यक्रम था। इसलिए सीधे रास्ते से अदिलाबाद नही जाने दिया। तब कच्चे रास्ते से अदिलाबाद पहुंचे जहा मारवाड़ी धर्मशाला में हिंदी सेवियों का जोरदार स्वागत किया गया। इस अवसर पर श्री अजय जैन, श्री बजरंग लालजी, मनिष जी आदि ने अदिलाबाद के ओर से पूर्ण सहयोग देने तथा १ जनवरी २०१९ को यहा एक विशाल सभा आयोजित करने का कार्यक्रम निर्धारित किया। हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने के लिए यहां के लोगों का उत्साह उल्लेखनिय था। २८ नवम्बर को हिंदी सेवी नागपूर पहुंचे, जहाँ खंडेलवाल, दिगम्बर जैन सभा छात्रावास में एक सभा आयोजित की गयी, इस अवसर पर श्री नरेश पाटणी, हस्सीमलजी कटारिया आदि से विस्तृत विचार विमर्श हुआ, तथा आरएसएस प्रमुख श्री मोहन भागवत से भी संपर्क साधने पर चर्चा हुई। यह निश्चय किया गया कि हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने के लिए श्री मोहन भागवत का सहयोग भी लिया जायेगा। साथ ही यह भी निश्चय किया गया कि नागपुर में १ जनवरी २०१९ को नूतन वर्षाभिनंदन के साथ-साथ एक विशाल सभा का भी आयोजन किया जायेगा। हिंदी सेवी नागपुर से २९ नवम्बर २०१८ को नरसिंहपुर के लिए प्रस्थान कर गये।भारतीय भाषा सम्मान यात्रा के सेनानी ३० नवम्बर को प्रात: आचार्य विद्यासागर जी के दर्शन करने ललितपुर पहुंचे, वहां उनके दर्शन हुए, उन्हें भारतीय भाषा सम्मान यात्रा की पूरी जानकारी दी गयी तो उन्होंने अत्यंत प्रसन्नता जाहिर की और कहा कि यह बहुत ही अच्छा काम है, राष्ट्रहित के लिए है, मेरा पूरा आशीर्वाद है, आगे बढ़ो सफलता जरूर मिलेगी।

ललितपुर से भाषायी सैनिक ३० नवम्बर को ग्वालियर पहुंचे। तथा स्वर्ण मंदिर में दर्शन कर भगवान महावीर का आशीर्वाद लिया, ग्वालियर में उपस्थित हिंदी प्रेमियों ने भाषायी सैनिकों का सम्मान किया। तथा विश्वास दिलाया कि न केवल ग्वालियर के लोग अपितु समूचा देश हिंदी को राष्ट्रभाषा द़र्जा दिलाने में आपके साथ होगा। ये सेनानी ३० नवम्बर को ग्वालियर से आगरा पहुंचे, आगरा की व्यवस्था यहां के जैन समाज ने ले ली तथा आश्वासन दिया कि आप आगे बढ़ें हम सभी आपके साथ हैं, इस अवसर पर आगरा जैन परिषद के अध्यक्ष एडवोकेट अशोक जैन, बेलनगंज धर्मशाला के ट्रस्टी एडवोकेट राजेन्द्र कुमार जैन, श्री सुंदरलाल जैन धर्मशाला के अध्यक्ष ट्रस्टी मनोजकुमार जैन, श्री दिगम्बर जैन शिक्षा समिति के उपाध्यक्ष कमल जैन, सुनिल भैया जैन, राजेश कुमार जैन, राजकुमार जैन उपस्थित थे। १ दिसम्बर २०१८ को भाषायी सैनिक दिल्ली पहुंचे। दिल्ली में मारवाड़ी पुस्तकालय में राजनारायण सराफ जी की अध्यक्षता में एक सभा हुई जिसमें महेश चंद गुप्त जी, डॉ. अनिल जैन, विजयराज सुराणा, अमरजीत जी, राहुल जी आदि कई राष्ट्रभाषा प्रेमी एवम बुद्धिजीवी लोग उपस्थित थे, सभी ने एकमत होकर सभी भारतीय भाषाओं को सम्मान दिलाने, हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा घोषित करने तथा इंडिया को भारत के नाम से सम्बोधित करने प्रस्ताव का स्वागत व समर्थन किया। दिल्लीवासियों ने इस अभियान में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया, दिल्ली से ये भाषायी सैनिक जयपुर होते हुए मुंबई के लिए रवाना हो गए।१ दिसम्बर २०१८ को भाषायी सैनिक दिल्ली से जयपुर पहुंचे, जयपुर में रहने की व्यवस्था श्री राजेन्द्र जी गोधा ने की।

यहां पर समाज के कई प्रभावशाली लोगों से भट्टारक जी की नसिया में परिचय हुआ, जिनमें विशेषकर विनोद जी जैन, सुभाष जी जैन, राकेश जी गोधा, प्रदीप जी गोधा आदी प्रमुख थे, उपस्थित महानुभावों में ‘भारतीय भाषा सम्मान यात्रा’ की दिल्ली से वापसी के समय ४ जनवरी २०१९ को जयपुर में संपूर्ण व्यवस्था के लिए निवेदन किया गया। २ दिसम्बर २०१८ को भाषायी सैनिक जयपुर से भीलवाड़ा पहुंचे, यहां सौभाग्य मुनि जी का प्रवचन सुना, उन्होंने कहा कि आज सकल जैन समाज में एकता की आवश्यकता है, ‘जिनागम’ पत्रिका पिछले २२ वर्षों से जैन एकता के लिए प्रयास कर रही है, साथ ही यह विचार भी बांट रही है कि हम न दिगम्बर है, न श्वेताम्बर, हम केवल जैन हैं, भगवान महावीर के अनुयायी है, हमारा एक ही नवकार मंत्र है। उपस्थित जनसमुदाय ने हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित करवाने के प्रयास की प्रशंसा की, इसमें पूरा सहयोग देने का आश्वासन भी दिया, तथा ५ जनवरी २०१९ को प्रात: भारतीय भाषा सम्मान यात्रा के यात्रियों की व्यवस्था के लिए विचार करने। यहां से हिंदी सेवी बांसवाड़ा पहुंचे, यहां के दिगम्बर जैन भवन में एक सभा का आयोजन किया गया, यहां उपस्थित सभी बुद्धिजीवियों ने एक स्वर में ‘हिंदी’ को राष्ट्रभाषा बनाने संबधी अभियान में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। ३ दिसम्बर २०१८ को प्रात: सभी भाषायी सैनिक बड़ौदा पहुंचे, यहां श्री दिगम्बर जैन मंदिर नवग्रह के अतिथि गृह के अध्यक्ष महेश भाई से ६ जनवरी २०१९ को अपरान्ह यात्रा सेनानियों के भोजन की व्यवस्था बड़ौदा समाज द्वारा करवाने का निवेदन किया गया, इस अवसर पर श्री जतिन शाह, वीरेंदर शाह, जगदीशचंद्र शाह, हसमुखलाल शाह आदि उपस्थित थे। बड़ौदा से भाषायी सैनिक सूरत पहुंचे, सूरत में दिगम्बर जैन मंदिर कतार गांव के अध्यक्ष रमेश भाई से हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा हुई, उन्होंने इस अभियान में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया, सूरत से भाषायी सैनिक ३ दिसम्बर २०१८ को रात्रि ८.३० बजे जे.बी.नगर स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर पहुंचे। यहां दिलीप जी पंडित ने सम्मान किया और भावी यात्रा के लिए शुभकामनाएं की, उन्होंने कहा एक दिन पूरा भारत आपके साथ होगा।

प्रस्तुति- प्रो. मिश्रीलाल मांडोत

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