
आचार्य श्री महाश्रमण: आत्मनिर्भरता और प्रेरणा के प्रतीक
आचार्य श्री महाश्रमण जिसमें : आसमान को छूने का जज्बा होता है, जमीन भी उसकी हो जाती है, वस्तुत: जो व्यक्ति कुछ होने की तमन्ना रखता है, कुछ कर गुजरने का हौसला रखता है, वह एक दिन अवश्य ही अपने भाग्य, बुद्धि और परिश्रम के बलबुते पर जनमानस के मानचित्र पर सफल व्यक्तित्व के रूप में उभर जाता है। विलक्षण कर्त्तृत्व और विशिष्ट व्यक्तित्व के धनी आचार्य महाश्रमण का जन्म वि.सं. २०१९ वैशाख शुक्ला ९ (१३ मई १९६२) रविवार को सरदाशहर में हुआ।सरदारशहर राजस्थान का एक प्रमुख क्षेत्र है। गांधी विद्या मंदिर की स्थापना के बाद यह नगर राजस्थान के...
ऐतिहासिक क्षण… महानगरी मुंबई की धरा हुई धन्य
दीक्षा महोत्सव: ४४ दीक्षार्थियों का संयम मार्ग पर प्रयाण, ६५० साधु-साध्वियों की मौजूदगी में हजारों लोग हुए साक्षी माया-मोह की नगरी में छूटा मोह का जाल मुंबई: सांसारिक जीवन को छोड़ जैन समाज के ४४ दीक्षार्थियों ने संयम मार्ग पर प्रयाण किया, बोरीवली के चीकूवाड़ी ग्राउंड में बनाई गई दीक्षा नगरी ६५० से ज्यादा साधु-साध्वियों की मौजूदगी में हजारों लोग सामूहिक दीक्षा के साक्षी बने, दीक्षा नगरी में इतनी भीड़ जुटी की समारोह के लिए बनाया गया विशाल मंडप छोटा पड़ गया, समाज के लोग दीक्षा महोत्सव देख सकें, इसके लिए मंडप को खोलना पड़ा, इसके साथ ही फाल्गुन सुदी...
पूर्वजन्म प्रभू ऋषभदेव का जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर
वैसे तो संसार का प्रत्येक प्राणी अनादि काल से जन्म-मरण भोगता आ रहा है लेकिन सार्थक वही जन्म होता है जिसमें जीव ने संसार परित्त (सीमीत) किया, उसी क्रम में प्रभु ऋषभ का जीव भी कई भव पूर्व जम्बूद्वीप के पश्चिम विदेह की क्षिति प्रतिष्ठित नगरी के प्रसन्नचन्द्र राजा के राज्य में धन्ना सार्थवाह था, एक बार व्यापार के लिए बसंतपुर जाने का निश्चय करके, धन्ना ने राजाज्ञा पूर्वक नगर में घोषणा कराई कि यदि उनके साथ कोई चलना चाहे तो यथायोग्य पूर्ण सहयोग दिया जायेगा, इस घोषणा की जानकारी तंत्र विराजित आचार्य धर्मघोष को भी मिली। बंसतपुर की ओर...
महावीर स्वामी का संक्षिप्त जीवन परिचय
पूरे भारत वर्ष में महावीर जन्म कल्याणक पर्व जैन समाज द्वारा उत्सव के रूप में मनाया जाता है। जैन समाज द्वारा मनाए जाने वाले इस त्यौहार को महावीर जयंती के साथ-साथ महावीर जन्म कल्याणक नाम से भी जानते हैं, महावीर जन्म कल्याणक हर वर्ष चैत्र माह के १३ वें दिन मनाई जाती है, जो हमारे वर्किंग केलेन्डर के हिसाब से मार्च या अप्रैल में आता है, इस दिन हर तरह के जैन दिगम्बर-श्वेताम्बर आदि एकसाथ मिलकर इस उत्सव को मनाते हैं, भगवान महावीर के जन्म उत्सव के रूप में मनाए जाने वाले इस त्यौहार में पूरे भारत में सरकारी छुट्टी...
३० मार्च राजस्थान स्थापना दिवस
पूर्व संध्या पर किया गया राजस्थानी संस्थाओं का सम्मान राजस्थान स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित भव्यातिभव्य ‘आपणों राजस्थान’ कार्यक्रम में उपस्थित दिलिप सांगानेरिया, वरिष्ठ पत्रकार व सम्पादक बिजय कुमार जैन ‘हिंदी सेवी’, प्रसिद्ध समाजसेविका व लोढा फाऊंडेशन की संस्थापिका श्रीमती मंजु लोढा, कार्यक्रम समन्वयक एवं अग्रबंधु सेवा समिति के ट्रस्टी कानबिहारी अग्रवाल, राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त ‘जैन एकता’ के परम समर्थक हिरालाल साबद्रा व शब्दों के जाल बुनने वाले प्रख्यात मंच संचालक त्रिलोक सिरसरेवाला लोखंडवाला: मुंबई का ह्रदय कहा जाने वाला सभ्रांत इलाका लोखंडवाला कॉम्पलेक्स में स्थित लोखंडवाला गार्डेन क्र.२ में चतुर्थ वर्षीय ‘आपणों राजस्थान’ कार्यक्रम की रंगारंग शुरूआत...