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Jinagam Magazine
भारतीय भाषायी संस्कृति के प्रेमी

भारतीय भाषायी संस्कृति के प्रेमी

श्रमणाकाश के ध्रुवतारे वर्तमानयुग के ज्येष्ठ-श्रेष्ठ जैनाचार्य श्री १०८ विद्यासागरजी मुनिराज का पावन व्यक्तित्व पूर्व नाम : श्री विद्याधर अष्टगे जन्म स्थान : सदलगा, जिला बेलगाँव (कर्नाटक) जन्म तिथि : शरदपूर्णिमा, १० अक्टूबर १९४६ पिता : श्री मल्लप्पा अष्टगे माता : श्रीमती श्रीमन्ती अष्टगे मातृभाषा : कन्नड़ शिक्षा माध्यम : कन्नड़ मुनि दीक्षा : आषाढ शुक्ल पंचमी, ३० जून १९६८ अजमेर (राज.) दीक्षागुरू : महाकवि दिगम्बराचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज आचार्य पद : २२ नवम्बर १९७२, नसीराबाद अजमेर भाषा ज्ञान : कन्नड़, मराठी, हिन्दी, प्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश, अंग्रेजी, बंगला वैशिष्ट्य : धर्म-दर्शन विज्ञ, साहित्यकार, सिद्धान्तवेत्ता, आध्यात्मिक प्रवचनकार, भारतीय संस्कृति के...
भारत के जैन तीर्थ: राजस्थान

भारत के जैन तीर्थ: राजस्थान

सवाई मोधापुर सवाई मोधापुर : सवाईमाधोपुर नगर में १० दिगम्बर जैन मंदिर है, इनमें नौ सौ से अधिक प्रतिमाएं हैं, अकेले दीवानजी के मंदिर में पांच सौ से अधिक प्रतिमाएं है। रणथंभौर: सवाईमाधोपुर से लगभग १० किमी पर रथथम्भौर का ऐतिहासिक किला है, इस किले में एक प्राचीन मंदिर है, जिसकी प्रतिमा को विक्रत संवत १० का बताया जाता है। शेरपुर: रणथम्भौर से ३-४ किमी की दूरी पर शेरपुर है। यहां जैन मंदिर है, इसमें मूलनायक प्रतिमा भगवान पाश्र्वनाथ की है, यह विक्रम संवत् १५ की बताई जाती है, यहां के अतिशयों की अनेक कथाएं प्रचलित हैं। खंडार : शेरपुर...

भारतीय भाषा अपनाओ अभियान की सफलता के लिए भारतीय भाषा

भारतीय भाषा अपनाओ अभियान आतंकवाद से अधिक खौफ अंग्रेजी का किसी देश को खत्म करने के लिए उसकी भाषा को ही खत्म करना काफी होता है, भाषा खत्म होने के बाद संस्कृति को कैसे बचाओगे? आज भारत में आतंकवाद से ज्यादा खौफ अंग्रेजी का है, यह राय एम.एल. गुप्ता (राष्ट्रीय भाषा समिति, राष्ट्रभाषा विभाग) ने व्यक्त की, मुंबई से निकली भारतीय भाषा सम्मानयात्रा मंगलवार २५ दिसम्बर २०१८ को पुणे पहुंची, महावीर प्रतिष्ठान में पुणेवासियों ने यात्रा का स्वागत किया। महावीर प्रतिष्ठान में आयोजित पत्रकार-वार्ता में उन्होंने ये बातें कहीं, यात्रा के आयोजक वरिष्ठ पत्रकार व सम्पादक बिजय कुमार जैन ने...
क्या आप तिरंगे झंडे के बारे में जानते हैं?

क्या आप तिरंगे झंडे के बारे में जानते हैं?

तिरंगा प्रत्येक स्वतंत्र राष्ट्र का अपना एक ध्वज होता है। यह एक स्वतंत्र देश होने का संकेत है। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज की अभिकल्पना पिंगली वैकेयानन्द ने की थी और इसका वर्तमान स्वरूप २२ जुलाई १९४७ को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था, जो १५ अगस्त १९४७ को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व की गई थी, इसे १५ अगस्त १९४७ और २६ जनवरी १९५० के बीच भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया और इसके पश्चात भारतीय गणतंत्र ने इसे अपनाया। भारत में ‘तिरंगे’ का अर्थ भारतीय राष्ट्रीय ध्वज...
जैन तीर्थक्षेत्र समिति के नए अध्यक्ष

जैन तीर्थक्षेत्र समिति के नए अध्यक्ष

प्रभातचंद्र जैन मूलत २० जून १९५७ को जन्में प्रभातचंद्र जैन मूलत: उत्तर प्रदेश के कन्नौज के निवासी हैं, आपका जन्म व इंटर तक की शिक्षा कन्नौज में व स्नातकोत्तर की शिक्षा कानपुर में सम्पन्न हुई। लगभग ३०-३५ वर्षों से आप मुंबई के प्रवासी हैं, मुंबई में इत्र के व्यवसाय से जुड़े हैं, जो देश-विदेशों तक फैला है व पिछले १५ वर्षों से भवन निर्माण के व्यवसाय से जुड़े हैं।आप सामाजिक संस्थाओं में भी अग्रणी भूमिका निभाते है। दयोदय महासंघ (१०० गौशालाओं का समूह) में राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ में ट्रस्टी व स्वर्गीय सवाईलाल स्मृति ट्रस्ट में संस्थापक ट्रस्टी...