भारत का प्रसिद्ध तीर्थ मोहनखेड़ा में भगवान शांतिनाथ मंदिर
तीर्थ मोहनखेड़ा में भगवान शांतिनाथ मंदिर मंदिर के ऊपरी भाग पर भी एक मंदिर है जिसके मूलनायक तीर्थकर भगवान शांतिनाथ है, इसके गर्भगृह में मूलनायकजी के अतिरिक्त श्री पद्मप्रभुजी, श्री सीमन्धरस्वामीजी, प्रभुश्री महावीर स्वामीजी, श्री विमलनाथजी, श्री आदिनाथजी, श्री शीतलनाथजी की प्रतिमाऐं विराजित हैं। ये प्रतिमायें दादा गुरुदेव श्रीमद् राजेन्द्रसूरीश्वरजी, श्री यतीन्द्रसूरीश्वरजी एवं विद्याचन्द्रसूरीश्वरजी द्वारा प्रतिष्ठित है इनमें वे प्रतिमायें भी शामिल है जो पुनः प्रतिष्ठा के पूर्व मंदिर में विराजित थी, इस मंदिर में जाने हेतु मंदिर के दोनों पाश्र्व में सीढियां बनी हुई है। श्री पाश्र्वनाथ मंदिर श्री मोहनखेड़ा पुनः प्रतिष्ठा महोत्सव के अवसर पर मुख्य मंदिर के...
श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन गुरुकुल ज्ञानशाला
श्गुरुकुल ज्ञानशाला देव श्री यतीन्द्र सूरिश्वरजी म.सा. की अभिप्सा थी की समाज के बच्चों हेतु शिक्षण की अच्छी व्यवस्था हो तथा उनको लौकिक शिक्षा के साथ धार्मिक शिक्षा भी दी जाये। वि.सं. २०१२ की ज्येष्ठ पूर्णिमा को लगभग १८ वर्षों के पश्चात् श्री यतीन्द्र सूरिश्वरजी म.सा. मोहनखेड़ा पधारे, उस समय लगभग चार हजार श्रावक उनकी अगवानी व प्रवचन का लाभ लेने के लिए आये थे|गुरुदेव के उपदेश से प्रेरित हो तत्काल एक गुरुकुल प्रारंभ करने का निश्चय कर राजगढ़ नगर में एक गुरुकुल की स्थापना की गई, मगर बाद में गुरुकुल को मोहनखेड़ा तीर्थ में ही स्थापित करने के मंतव्य...
श्री मोहनखेड़ा तीर्थ परिचय
संक्षिप्त परिचय वर्तमान अवसर्पणी के प्रथम तीर्थंकर भगवान् श्री ऋषभदेवजी को समर्पित श्री मोहनखेड़ा तीर्थ की गणना आज देश के प्रमुख जैन तीर्थों में की जाती है। मध्यप्रदेश के धार जिले की सरदारपुर तहसील, नगर राजगढ़ से मात्र तीन किलोमीटर दूर स्थित यह तीर्थ देव, गुरु व धर्म की त्रिवेणी है।श्री मोहनखेड़ा तीर्थ की स्थापना तीर्थ की स्थापना प्रातः स्मरणीय विश्वपूज्य दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरिश्वरजी म.सा. की दिव्यदृष्टि का परिणाम है, आषाढ़ वदी १०, वि.सं. १९२५ में क्रियोद्धार करने व यति परम्परा को संवेगी धारा में रुपान्तरित कर श्रीमद् देश के विभिन्न भागों में विचरण व चातुर्मास कर जैन धर्म...
सुरेन्द्र गुरूजी को आदर्श अध्यापक सम्मान
बेंगलोर श्री आदिनाथ जैन श्वेताम्बर संघ द्वारा संचालित श्री विजयलब्धि जैन धार्मिक पाठशाला के प्रधानाध्यापक सुरेन्द्रगुरूजी के सम्यक ज्ञान प्रदान के ५० वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में ज्ञान-ज्योति आडिटोरियम में सुवर्ण ज्ञानोत्सव समिति की ओर से संघ के तत्वाधान में मनाया गया। दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई। संघ की ओर से शॉल, माला व साफा पहनाकर सुरेन्द्रगुरूजी के शिक्षा व धर्म के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए ‘‘आदर्श अध्यापक रत्न’’ की उपाधि से नवाजा गया तथा रजत पट्ट भेंट किया गया, इससे पूर्व स्वागत संघ अध्यक्ष प्रकाश राठोड़ ने किया व उनकी सेवाओं के बारे में...
२३ लाख महाभिषेक के साथ होंगे १००८ अठ्ठतप
बेंगलोर राजाजीनगर शंखेश्वर जैन मंदिर में चातुर्मासार्थ विराजित मालव मार्तण्ड पू. आचार्य श्री मुक्तिसागर सुरिजी म.सा. के सानिध्य में पाश्र्वनाथ प्रभु के जन्मकल्याणक के मौके पर ३१ दिसम्बर को होने वाले तीन दिवसीय कार्यक्रम में २३ महाभिषेक, पाश्र्व प्रभु के १००८ अठ्ठम तप का आयोजन किया जा रहा है|३० दिसंबर को १००८ प्रभु मुर्तियों का भव्यातिभव्य विराट जुलूस निकाला जायेगा एवं संध्या को एक शाम पारस के नाम से भक्ति संध्या भी होगी, इस विराट और भव्य आयोजन की जानकारी देते हुए देवकुमार के. जैन ने बताया कि बेंगलोर ही नहीं समग्र दक्षिण प्रांत का सर्वप्रथम एक विराट और अनूठा...