शिक्षा के संग संस्कारों को भी उतारें जीवन में खास बातें

तीर्थंकर महावीर

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के रिद्धि-सिद्धि भवन में हुए दशलक्षण पर्व के उत्तम आकिंचन्य के दिन परमपरमेष्ठी और आदिनाथ भगवान की आरती हुई। मध्यप्रदेश के जिला भिंड से ज्योति ब्रहम्चारणी दीदी और ऊषा दीदी ने पदार्पण किया। ज्योति दीदी ने जिनवाणी वंदना से शुरूआत की, बोलीं, हमें अपने साथ-साथ अपने धर्म पर भी विश्वास होना चाहिए कि हमें महावीर का धर्म मिला है। शिक्षा के साथ संस्कारों को भी अपने जीवन में उतारें। हमारा ऐसा संकल्प होना चाहिए कि हम इंसान बनेंगे और इंसान से भगवान बनेंगे।
ऊषा दीदी बोलीं, यदि मैं धर्म की बात करूं तो जो धर्म की प्रभावना करते हैं उसका जीवन में जरूर एक बार उसका प्रभाव पड़ता है। अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए बोलीं, जब मैं कॉलेज के टाइम में थी तो मां बोलती थी कि पयूर्षण पर्व आ गए हैं जा बेटा पूजा कर भक्ति कर। बच्चों तुम अपने माता-पिता से बहुत दूर हो, पर तुम अरिहंत पिता के पास हो, जो हजारों बच्चों का पालन कर रहे हैं। अंत में प्रश्नोत्तरी का दौर भी चला, सही उत्तर देने वालों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया, इससे पहले महावीर भगवान के समक्ष कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, मुरादाबाद जैन मंदिर के प्रमुख डीके जैन, पैरामेडिकल के प्राचार्य डीके सिंह, फिजियोथेरेपी की विभागाध्यक्षा डॉ. शिवानी एम काल और हरि अभिनन्दन जैन ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन किया।
श्रावक-श्राविकाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिए पूरा रिद्धि-सिद्धि भवन भक्तिरस में डुबो दिया। ……..णमोकार महामंत्र…….. और ……मंगलाचरण…… की प्रस्तुति हुई। फिजियोथीरेपी और पैरामेडिकल के छात्र-छात्राओं ने …….पधारो-पधारो पयूर्षण पर्व पर पधारो……, …….कौन है वो कौन है………….,……… हम जैन होने का परिचय देते हैं……,……..भक्तों की टोली……, …….भारत मां और देश के सैनिकों के लिए…… आदि भजनों पर सामूहिक नृत्य कर सभी को थिरकने पर मजबूर कर दिया, इसके बाद छात्र-छात्राओं ने ‘वाह रे भक्त तेरे कितने रूप हैं’ और ‘बाहुबली’ विषय पर नाटक की मनमोहक प्रस्तुती दी, अंत में तरूण सागर महाराज जी को श्रद्धांजली दी गई। संचालन दीपक जैन और अंशिका जैन ने किया, जबकि निर्णायक मंडल में टिमिट डायरेक्टर प्रो. विपिन जैन और मेघा शर्मा रहे। बाहुबली नाटक बेस्ट परफारमर ऑफ द डे चुना गया।

लोढ़ा एक्सलस में हाथों से बनी मूर्तियों का जलवा

मुंबई : के गणेशोत्सव में लोढ़ा एक्सलस कॉर्पोरेट ऑफिस कॉम्पलेक्स के गणपति की काफी चर्चा रही, इसके पीछे खास वजह यह थी कि गणपति की मुख्य मूर्ति के अलावा यहां और भी कई छोटी- बड़ी गणेश मूर्तियां एवं गणपति की पेंटिंग भी सजी थी, जो मल्टीनेशनल कंपनियों के कर्मचारियों ने अपने हाथों से बनाई थी, किसी भी मशीन की सहायता के बिना निर्मित ये विशेष मूर्तियां बेहद लुभावनी एवं प्रोफेशनल मूर्तिकारों की मूर्तिरचना के समकक्ष थी, जिनको बीते दिनों में हजारों लोगों ने दर्शन किए एवं सराहा, लोढ़ा फाउंडेशन की चेयरपरसन मंजू लोढ़ा ने सभी सहभागियों का आभार जताया।
दक्षिण मुंबई स्थित एनएम जोशी मार्ग के अपोलो मिल कंपाउंड स्थित कॉर्पोरेट ऑफिस कॉम्पलेक्स ‘लोढ़ा एक्सलस’ में स्थापित भगवान गणपति की ईको फ्रेंडली मुख्य प्रतिमा अपने आप में बेहद अदभुत एवं आकर्षक थी।

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