जीतो का ‘रंगला पंजाब’ और नई टीम शपथ समारोह
जैन इंटरनैशनल ट्रेड ऑर्गेनाईजेशन (जीतो) लुधियाना चेप्टर, लेडीज़ विंग एवं यूथ विंग के सहयोग से भगवान महावीर वनस्थली एवं ध्यान साधना केन्द्र दोराहा में एक भव्य कार्यक्रम ‘‘रंगला पंजाब’’ एवं जीतो की नई टीम का शपथ समारोह का आयोजन ३ फरवरी २०१९, दिन रविवार, प्रातः १०ः०० बजे से दोपहर १ः३० बजे तक हुआ, यह कार्यक्रम जीतो के पांच लक्ष्य शिक्षा, संस्कार, सेवा, सुरक्षा एवं स्वावलंबन आदि विषयों पर आधारित था, जिसमें मनोरंजन हेतु वैलकम डांस, प्रोफैशनल गु्रप द्वारा गिद्दा, पंजाबी थीम, जीतो लेडीज़ विंग द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम, फॉक डांस एवं बहुत से अन्य कार्यक्रम के साथ-साथ समय पर पहुंचने वालों...
दिगम्बर जैन धर्म में ‘मुनि’ पद मानव जीवन की सर्वोत्कृष्ट अवस्था
जैन धर्म अपनी प्राचीनता संयम व तपष्चरण की परम पराकाष्ठा एवं दिगम्बरत्व रूप के कारण विश्व के अन्य धर्मों से स्थान विशेषता रखता है। जैनधर्म के प्राचीन ग्रन्थों में निहित साहित्य को जैनागम कहा जाता है। जैनागम साहित्य में ग्रन्थों के माध्यम से गृहस्थ, श्रावक व मुनि की जीवन चर्चा पर सूक्ष्म से सूक्ष्म बिन्दुओं पर सर्वांगीण रूप से प्रकाश प्राप्त होता है। जैन धर्म को मानने के लिए जाति की सीमा नहीं होती है मात्र आचरण का पालन करना होता है। जैन धर्म के आचरण को पालन करने वाला किसी भी जाति का हो जैन-धर्मावलम्बी के रूप में यम...
श्वेताम्बर एवं दिगम्बर समुदाय
श्वेताम्बर एवं दिगम्बर समुदाय के लाखों परिवारों की मनोभावना के अनुकूल की सम्मेद शिखर जी के सम्बन्ध में चल रहे विवाद की समाप्ति के संदर्भ में करबद्ध विनम्र अनुरोध प्रिय श्रावकगण अभी सर्वोच्च न्यायालय में सम्मेद शिखर जी के संदर्भ में चल रहे मुकदमे की सुनवाई होने को है और श्वेताम्बर तथा दिगम्बर दोनों ही पक्षों के लोग उनके द्वारा नियुक्त देश के जाने-माने विख्यात अधिवक्तागण लाखों रूपयों की प्रतिदिन आमदनी लेने में आनन्द का अनुभव कर रहे है। दान से प्राप्त राशि का ऐसा दुरूपयोग होते रहने से समग्र देश के अधिकांश यानि ९९% से अधिक जैन श्वेताम्बर एवं...
मर्यादा, अनुशासन का बेजोड़ संगम तेरापंथ
मर्यादा और अनुशासन जब भी मर्यादा और अनुशासन का जिक्र होता है तो एक प्रबुद्धजीवियों के बीच एक अंतहीन चर्चा शुरू हो जाती है, सभी के नजरों में इसके मायने अलग-अलग हैं, यदि यही चर्चा धर्म संघ को लेकर हो तो चर्चा और भी ज्यादा संवेदनशील और गंभीर हो जाती है, किसी भी धर्म संघ में मर्यादा और अनुशासन का पालन सर्वोपरि माना गया है|जब बात इसकी चली है तो बताना चाहते हैं कि जैन श्वेताम्बर में तेरापंथ ऐसा धर्मसंघ है जिसमें मर्यादा और अनुशासन को सर्वोच्च मान्यता प्राप्त है और इसके साथ-साथ यह अपने आप में ऐसा पहला धर्मसंघ...
भावों से ही बनती है दशा और दिशा
भाव-भावना भाव-भावना ही व्यक्ति के जीवन के अन्तर्मुखी दर्पण है, भावों से ही भावना बनती है, भावों से ही विचारों का जन्म होता है, भाव जगत ही व्यक्ति के जीवन की दशा और दिशा निर्धारित करते हैं। भाव ही जीवन को भव्य बनाता है और भाव ही जीवन को उधोगति का मेहमान बनाता है। भाव ही कर्म बन्धन और कर्म मुक्ति का मापदण्ड है। भावों से ही व्यक्ति प्रतिदिन न जाने कितनी बार गिरता, उठता है, मन मालिन्य करता है और न जाने कितनी बार मन में उठने वाले विचारों का शोधन करता है, संवर्धन करता है और दिव्यता की...