
अहिंसावादी थे तीर्थंकर महावीर -साध्वी रचना श्री
साध्वी रचना श्री : निरभ्र नील गगन, शांत-प्रशांत उज्ज्वल चैत्र शुक्ला त्रयोदशी की रात्रि राजा सिद्धार्थ का गृह आंगन, माता त्रिशला की कुक्षि से २४वें तीर्थंकर महावीर का जन्म हुआ था। श्रमण परंपरा के आकाश में एक ऐसा दैदीप्यमान सूर्य अंधकार को प्रकाश में बदलने के लिए क्षत्रिय कुंडग्राम में १४ महा विशिष्ट स्वप्नों के साथ धरा धाम को पावन सुपावन करने के लिए आया। अर्ताद्रिय ज्ञान से संपन्न तीर्थंकर महावीर का जन्म, जन-जन के लिए आह्लाद पैदा करने वाला था। महावीर स्वनाम धन्य थे फिर भी उनकी अनेक विशेषताओं को ध्यान में रखकर अनेक नामों से पुकारा गया, उनके गुण निष्पन्न नाम थे...
१७०० वर्ष प्राचीन गोड़वाड़ में हथुंडी तीर्थ श्री रातामहावीर जी
राता महावीरजी के नाम से विख्यात प्राचीन तीर्थ हथुंडी का जैन तीर्थों में महत्वपूर्ण स्थान है। १७०० वर्ष प्राचीन गोड़वाड़ में हथुंडी तीर्थ श्री रातामहावीर जी: राष्ट्रीय राजमार्ग नं. १४ पर गोड़वाड़ की सबसे बड़ी मंडी सुमेरपुर से ३० कि. मी. एवं जवाईबांध रेलवे स्टेशन से २२ कि.मी. दूर पूर्व में बीजापुर नगर से ५ कि. मी. दूर निर्जन वन में अरावली पर्वत श्रृंखलाओं के बीच अलौकिक प्राकृतिक सौंदर्य से युक्त यह पावन तीर्थ गोड़वाड़ क्षेत्र को सुशोभित कर रहा है। यह पुनीत ध्यान-साधना के लिए शांत एकांत स्थान है। शास्त्रकारों के अनुसार इसे हस्तिकुण्डी, हाथिउण्डी, हस्तकुण्डिका, हस्तिकुंड, हस्तितुंडी आदि नामों से...
आचार्य श्री महाश्रमण
आचार्य श्री महाश्रमण जी का २०२३ में मुम्बई चातुर्मास घोषित : तेरापंथ धर्म संघ के ११ वें अधिशास्ता शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण जी ने २०२३ का चातुर्मास भारत की आर्थिक राजधानी मुम्बई में करने की घोषणा की गयी है, चातुर्मास में बहुआयामी आध्यात्मिक सामाजिक गतिविधियों के साथ पूरे विश्व में अहिंसा, शांति, सद्भभावना, नैतिकता, व्यसनमुक्ति का संदेश जाएगा। चातुर्मास को ऐतिहासिक व उपलब्धियों भर बनाने के लिए पूरा तेरापंथ समाज आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष मदन लाल तातेड़ जैन के नेतृत्व में जोर-शोर सफलता की तैयारियों में लगे हैं, ऐतिहासिक चातुर्मास की याद को चिरस्थाई बनाने के लिए छेडा नगर में...
आदिनाथ पुत्र भरत के नाम से बना भारत
प्रस्तुति सौ. शैलबाला भरतकुमार काला, मुंबई आदिनाथ पुत्र भरत के नाम से बना भारत : भारत के यशस्वी पू. प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का परेड ग्राउंड, दिल्ली ६ में दिया गया ओजस्वी भाषण मननीय है। उन्होंने कहा था – ऋषभपुत्र ‘भरत’ के नाम से इस देश का नाम ‘भारत’ पड़ा। इस बारे में ठोस अनुसंधान पूर्वक एक पुस्तक जनता के सामने आनी चाहिये। प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने भी विद्वानों के परामर्श पर सम्राट ‘खारवेल’ के शिलालेख के आधार पर इस देश का नाम संवैधानिक नामकरण‘भारतवर्ष’ स्वीकृत किया था। पहले इस देश का नाम ‘अजनाभवर्ष’ था। यह...
भगवान महावीर कैवल्यज्ञान
भगवान महावीर कैवल्यज्ञान दिगम्बर जैन मलयागिरि तीर्थ क्षेत्र जमुई (बिहार): जैन इतिहासकारों एवं विद्वानों द्वारा यह प्रमाणित किया गया है जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर के पंच कल्याणकों एवं जीवन के सन्दर्भ में जैन शास्त्रों में वर्णित तथ्यों के आधार पर माना जा रहा है कि भगवान महावीर का कैवल्यज्ञान कल्याणक ऋजुकुला (क्यूल) नदी के तट पर शालवृक्ष के नीचे जृम्भक ग्राम बिहार प्रांत में हुआ था, जिसे वर्तमान में जमुई नाम से जाना जाता है। बारह वर्ष पाँच महीने १५ दिन की घोर तपस्या के बाद वैशाख शुक्ल दशमी को कैवल्यज्ञान की प्राप्ति हुई थी, उनके समवशरण में श्री इन्द्रभूति आदि...