गौ-संवर्धन के लिए स्वतंत्र मंत्रालय बनेगा

खजुराहो: आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज की मौजूदगी में पहली बार विद्यासागर जीव दया सम्मान घोषित किए गए, कार्यक्रम में आचार्य श्री विद्यासागर दयोदय पशु सेवा केंद्र तेंदूखेड़ा (दमोह) को पहला स्थान मिला, इस दौरान मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि अब सरकार में गो संवर्धन के लिए अलग से मंत्रालय का गठन किया जाएगा, गायों के संवर्धन में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी, आचार्यश्री ने मुख्यमंत्री की ओर देखते हुए कहा- कि इन्हें हर पांच साल में परीक्षा देना होती है, इस परीक्षा में सफलता के लिए उनका आशीर्वाद मुख्यमंत्री के साथ है।
एक महीने पहले भी मुख्यमंत्री शिवराज चौहान खजुराहो जैन मंदिर समूह में आचार्य श्री के दर्शन के लिए पहुंचे थे तब उन्होंने कहा था- कि वे राज्य सरकार की ओर से शुरू होने वाले आचार्य विद्यासागर जीव दया सम्मान की पहली घोषणा आचार्यश्री की मौजूदगी में ही करना चाहते हैं, इसमें पहला पुरस्कार पशु सेवा केंद्र तेंदूखेला दमोह, दूसरा गौ-शाला एवं जैव कृषि अनुसंधान केन्द्र केदारपुर ग्वालियर को और तीसरा गौत्रास निवारणी गोपाल गौ शाला बड़नगर उज्जैन को दिया गया किया, सांत्वना सम्मान स्वरूप इस कार्य में संलग्न ७ अन्य संस्था और व्यक्तिगत स्तर पर सम्मानित किया गया।

नए समवसरण जिनालय की रखी आधारशिला
जैन मंदिर समूह के पास ही आचार्य श्री के ससंघ सानिध्य में समवशरण जिनालय की आधारशिला रखी गई, इस अवसर पर नए भव्य मंदिर का निर्माण करने वाली संस्था स्वर्णोदय तीर्थ न्यास खजुराहो के महामंत्री ने सभी का स्वागत किया, कार्यक्रम को वित्त मंत्री जयंत मलैया और सुधा मलैया ने भी संबोधित किया, संचालन नितिन नंदगावकर ने किया। कार्यक्रम में मप्र गौ-संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद, प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के डायरेक्टर राहुल जैन, संचालक पशुपालन डॉ. आरके रोकड, कलेक्टर रमेश भंडारी, एसपी विनीत खन्ना मौजूद थे।

कॉलेजों में शाकाहार भोजनालय स्थापित होंगे : शिवराज चौहान
मुख्यमंत्री ने कहा- वे कभी अहिंसा का मार्ग नहीं छोड़ेंगे, वे जब भी गुरूवर के चरणो मे आते हैं, सात्विक विचार आते हैं। विकास का मार्ग खुलता है, उन्होंने कहा- हर शिक्षण संस्थान जैसे इंजीनीयरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज और अन्य कॉलेजों में अलग से शाकाहर भोजनालय स्थापित होंगे।आचार्यश्री विद्यासागर महाराजा के सामने नत-मस्तक होकर आशीर्वाद लेते

बेंगलूरु में ३५०सिद्धितप के तपस्वियों का पारणा व सम्मान

शहर के श्री आदिनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर ट्रस्ट व संभवनाथ जैन मंदिर के तत्वावधान में आचार्य श्री जिनसुन्दरसूरीश्वरजी म.सा., पन्यास प्रवर श्री कल्परक्षित म. सा. आदि ठाणा साध्वीवृन्द की निश्रा में सामुहिक सिद्धितप सम्पन्न पारणा व सम्मान का कार्यक्रम त्रिपुरावासिनी पेलेस ग्राउन्ड में सम्पन्न हुआ। शोभायात्रा पेलेस क्षेत्र में घूमती हुई वापस सभागार में पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हुई।धर्मसभा में साधु-साध्वियों ने मंगलाचरण किया। संघ के बाबुलाल पारेख ने सबका स्वागत किया, सचिव प्रकाशचंद राठोड ने सिद्धितप की जानकारी दी।
आचार्य श्री मुक्तिसागरसूरीजी ने तपस्वियों की अनुमोदना करते हुए कहा कि तप से सब कुछ संभव है, तप करने से आत्मा पर लगे कर्मरज खत्म हो जाते हैं, आचार्य श्री ने ३१ दिसम्बर को होने वाले महाअभिषेक व शतावधान कार्यक्रम की जानकारी दी, आचार्य श्री जिनसुन्दरसूरीजी म.सा. ने कहा कि सिद्धितप एक महान तप है इसे करने से सारे कार्य सिद्ध हो जाते हैं। पन्यास प्रवर कल्परक्षित विजयजी म.सा. ने बताया कि मनुष्य साधन से नहीं साधना से बड़ा बनता है, इस मौके पर ३५० तपस्वियों का विशेष सम्मान किया गया। लाभार्थी परिवारों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन सुरेन्द्र गुरूजी ने किया। कार्यक्रम में नाकोडा तीर्थ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष रमेश मुथा जैन का सम्मान किया गया, इस अवसर पर कोषाध्यक्ष शांतिलाल नागौरी, सहसचिव गौतम सोलंकी, ट्रस्टी देवकुमार के. जैन जो खुद सिद्धितप के तपस्वी थे, तिलोक भंडारी, मदनलाल जैन, देशमल पटीयात, मदनलाल वेदमुथा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, भंवरलाल चौपडा चेयरमेन संभवनाथ मंदिर, संभवनाथ जैन सेवा मंडल, श्री लब्धिसूरी जैन संगीत मंडल, श्री आदिनाथ जैन सर्वोतम सेवा मंडल आदि ने कार्यक्रम की व्यवस्था संभाली।

- देवकुमार के. जैनबेंगलू

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