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Jinagam Magazine
तीर्थंकर महावीर स्वामी का संक्षिप्त जीवन परिचय

तीर्थंकर महावीर स्वामी का संक्षिप्त जीवन परिचय

तीर्थंकर महावीर स्वामी का संक्षिप्त जीवन परिचय :पूरे भारत वर्ष में महावीर जन्म कल्याणक पर्व जैन समाज द्वारा उत्सव के रूप में मनाया जाता है। जैन समाज द्वारा मनाए जाने वाले इस त्यौहार को महावीर जयंती के साथ-साथ महावीर जन्म कल्याणक नाम से भी जानते हैं, महावीर जन्म कल्याणक हर वर्ष चैत्र माह के १३ वें दिन मनाई जाती है, जो हमारे वर्किंग केलेन्डर के हिसाब से मार्च या अप्रैल में आता है, इस दिन हर तरह के जैन दिगम्बर-श्वेताम्बर आदि एकसाथ मिलकर इस उत्सव को मनाते हैं, भगवान महावीर के जन्म उत्सव के रूप में मनाए जाने वाले इस त्यौहार में भारत के...
अहिंसावादी थे तीर्थंकर महावीर -साध्वी रचना श्री

अहिंसावादी थे तीर्थंकर महावीर -साध्वी रचना श्री

साध्वी रचना श्री :  निरभ्र नील गगन, शांत-प्रशांत उज्ज्वल चैत्र शुक्ला त्रयोदशी की रात्रि राजा सिद्धार्थ का गृह आंगन, माता त्रिशला की कुक्षि से २४वें तीर्थंकर महावीर का जन्म हुआ था। श्रमण परंपरा के आकाश में एक ऐसा दैदीप्यमान सूर्य अंधकार को प्रकाश में बदलने के लिए क्षत्रिय कुंडग्राम में १४ महा विशिष्ट स्वप्नों के साथ धरा धाम को पावन सुपावन करने के लिए आया। अर्ताद्रिय ज्ञान से संपन्न तीर्थंकर महावीर का जन्म, जन-जन के लिए आह्लाद पैदा करने वाला था। महावीर स्वनाम धन्य थे फिर भी उनकी अनेक विशेषताओं को ध्यान में रखकर अनेक नामों से पुकारा गया, उनके गुण निष्पन्न नाम थे...
१७०० वर्ष प्राचीन गोड़वाड़ में हथुंडी तीर्थ श्री रातामहावीर जी

१७०० वर्ष प्राचीन गोड़वाड़ में हथुंडी तीर्थ श्री रातामहावीर जी

राता महावीरजी के नाम से विख्यात प्राचीन तीर्थ हथुंडी का जैन तीर्थों में महत्वपूर्ण स्थान है। १७०० वर्ष प्राचीन गोड़वाड़ में हथुंडी तीर्थ श्री रातामहावीर जी: राष्ट्रीय राजमार्ग नं. १४ पर गोड़वाड़ की सबसे बड़ी मंडी सुमेरपुर से ३० कि. मी. एवं जवाईबांध रेलवे स्टेशन से २२ कि.मी. दूर पूर्व में बीजापुर नगर से ५ कि. मी. दूर निर्जन वन में अरावली पर्वत श्रृंखलाओं के बीच अलौकिक प्राकृतिक सौंदर्य से युक्त यह पावन तीर्थ गोड़वाड़ क्षेत्र को सुशोभित कर रहा है। यह पुनीत ध्यान-साधना के लिए शांत एकांत स्थान है। शास्त्रकारों के अनुसार इसे हस्तिकुण्डी, हाथिउण्डी, हस्तकुण्डिका, हस्तिकुंड, हस्तितुंडी आदि नामों से...
आचार्य श्री महाश्रमण

आचार्य श्री महाश्रमण

आचार्य श्री महाश्रमण जी का २०२३ में मुम्बई चातुर्मास घोषित : तेरापंथ धर्म संघ के ११ वें अधिशास्ता शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण जी ने २०२३ का चातुर्मास भारत की आर्थिक राजधानी मुम्बई में करने की घोषणा की गयी है, चातुर्मास में बहुआयामी आध्यात्मिक सामाजिक गतिविधियों के साथ पूरे विश्व में अहिंसा, शांति, सद्भभावना, नैतिकता, व्यसनमुक्ति का संदेश जाएगा। चातुर्मास को ऐतिहासिक व उपलब्धियों भर बनाने के लिए पूरा तेरापंथ समाज आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष मदन लाल तातेड़ जैन के नेतृत्व में जोर-शोर सफलता की तैयारियों में लगे हैं, ऐतिहासिक चातुर्मास की याद को चिरस्थाई बनाने के लिए छेडा नगर में...
आदिनाथ पुत्र भरत के नाम से बना भारत

आदिनाथ पुत्र भरत के नाम से बना भारत

प्रस्तुति सौ. शैलबाला भरतकुमार काला, मुंबई आदिनाथ पुत्र भरत के नाम से बना भारत : भारत के यशस्वी पू. प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का परेड ग्राउंड, दिल्‍ली ६ में दिया गया ओजस्वी भाषण मननीय है। उन्होंने कहा था – ऋषभपुत्र ‘भरत’ के नाम से इस देश का नाम ‘भारत’ पड़ा। इस बारे में ठोस अनुसंधान पूर्वक एक पुस्तक जनता के सामने आनी चाहिये। प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने भी विद्वानों के परामर्श पर सम्राट ‘खारवेल’ के शिलालेख के आधार पर इस देश का नाम संवैधानिक नामकरण‘भारतवर्ष’ स्वीकृत किया था। पहले इस देश का नाम ‘अजनाभवर्ष’ था। यह...