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Jinagam Magazine
तीर्थंकर महावीर स्वामीसत्य, अहिंसा, अनेकान्त के महानायक थे

तीर्थंकर महावीर स्वामीसत्य, अहिंसा, अनेकान्त के महानायक थे

पूरे भारत वर्ष में ‘महावीर जन्म कल्याणक’ पर्व जैन समाज द्वारा उत्सव के रूप में मनाया जाता है। जैन समाज द्वारा मनाए जाने वाले इस त्यौहार को महावीर जयंती के साथ-साथ महावीर जन्म कल्याणक नाम से भी जानते हैं, ‘महावीर जन्म कल्याणक’ हर वर्ष चैत्र माह के १३ वें दिन मनाया जाता है, जो अंग्रेजी केलेन्डर के हिसाब से इस वर्ष १० अप्रैल को है, इस दिन हर पंथ के जैन दिगम्बर-श्वेताम्बर आदि एकसाथ मिलकर इस उत्सव को मनाते हैं। तीर्थंकर महावीर के जन्म उत्सव के रूप में मनाए जाने वाले इस त्यौहार में भारत के कई राज्यों में सरकारी...
आचार्य श्री विद्यासागर जी की प्रेरणा से आज भारत विकसीत हो रहा है

आचार्य श्री विद्यासागर जी की प्रेरणा से आज भारत विकसीत हो रहा है

जेल में कैद कैदियों की स्थिति देखकर आचार्य श्री का हृदय द्रवित हो उठा तब उन्होंने जेल प्रशासन को प्रेरणा प्रदान दी कि कैदियों को अर्थ पुरूषार्थ का अवसर देना चाहिये। आचार्य श्री जी की प्रेरणा से केन्द्रीय जेल सागर, तिहाड़ जेल दिल्ली, मिर्जापुर, बनारस, आगरा, मथुरा आदि जेलों में समाज के द्वारा ‘हथकरघा’ प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। भारत का पशुधन सुरक्षित रहे, गौहत्या बंद हो, इस हेतु आचार्य प्रवर की मांगलिक प्रेरणा से ‘दयोदय पशु संवर्धन’ के नाम से शताधिक गौशालायें पूरे ‘भारत’ देश में स्थापित हैं। भारत में भारतीय शिक्ष पद्धति लागू हो, अतः अंग्रेजी नहीं, भारतीय भाषा...
आचार्य भिक्षु

आचार्य भिक्षु

तेरापंथ के संस्थापकआचार्य भिक्षुजन्म पर्व १९ जुलाई (तिथिनुसार) तेरापंथ के प्रवर्तक आचार्य भिक्षु श्रमण परंपरा के महान संवाहक थे, उनका जन्म वि. स. १७८३ आषाढ़ शुक्ला त्रयोदशी को कंटालिया (मारवाड़) में हुआ, पिता का नाम शाह बल्लुजी तथा माता का नाम दीपा बाई था, जाति ओसवाल तथा वंश सकलेचा था। आचार्य भिक्षु का जन्म-नाम भीखण था, प्रारंभ से ही वे असाधारण प्रतिभा के धनी थे, तत्कालीन परंपरा के अनुसार छोटी उम्र में ही उनका विवाह हो गया, वैवाहिक जीवन से बंध जाने पर भी उनका जीवन वैराग्य भावना से ओतप्रोत था। धार्मिकता उनकी रगरग में रमी थी, पत्नी भी उन्हें...
श्वेताम्बर तेरापंथ (संक्षिप्त इतिहास)

श्वेताम्बर तेरापंथ (संक्षिप्त इतिहास)

श्वेताम्बर तेरापंथ  श्वेताम्बर तेरापंथ जैन धर्म में श्वेताम्बर संघ की एक शाखा है, इसका उद्भव विक्रम संवत् १८१७ (सन् १७६०) में हुआ, इसका प्रवर्तन मुनि भीखण (भिक्षु स्वामी) ने किया था जो कालान्तर में आचार्य भिक्षु कहलाये, वे मूलतः स्थानकवासी संघ के सदस्य और आचार्य रघुनाथ जी के शिष्य थे। आचार्य संत भीखण जी ने जब आत्मकल्याण की भावना से प्रेरित होकर शिथिलता का बहिष्कार किया था, तब उनके सामने नया संघ स्थापित करने की बात नहीं थी, परंतु जैनधर्म के मूल तत्वों का प्रचार एवं साधुसंघ में आई हुई शिथिलता को दूर करना था, उस ध्येय में वे कष्टों...
श्री मोहनखेड़ा: गुरुसप्तमी महापर्व 2024

श्री मोहनखेड़ा: गुरुसप्तमी महापर्व 2024

श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वेताम्बर पेढ़ी (ट्रस्ट) श्री मोहनखेडा महातीर्थ के तत्वाधान में दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की १९७ वीं जन्म जयंती एवं ११७ वीं पुण्यतिथि पंचान्हिका महोत्सव १५ से १९ जनवरी तक बड़े ही हर्षोल्लास एवं पूजा अर्चना के साथ मनाया गया। मोहनखेड़ा महातीर्थ परिसर को विद्युत सज्जा के साथ सजाया गया, पुरे जिन मंदिर परिसर व दादा गुरुदेव के समाधि मंदिर परिसर को पुष्प सज्जा व विद्युत सज्जा के साथ सजाया गया। गुरु सप्तमी के अवसर पर श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में आने वाले सभी गुरुभक्तों को आवास, भोजन, यातायात, पार्किंग आदि की सभी सुविधाएं...