खुश खबरी…..खुश खबरी….खुश खबरी…..

जागो जैनो जागो ‘जैन एकता’ स्वीकारो

बैंगलुरू: समस्त शिखरजी बचाओ आंदोलन से मिली सफलता पूरे भारत वर्ष में ही नहीं विश्व में खुश खबरी फैली है। जानकारी हो कि देश के साथ विदेशों से भी मांग उठी थी, दि. १५-१०-२०१८ को श्री आदिनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर, चिकपेट से विराट रैली महिलाओं की हुई। श्री पाश्र्व सुशील धाम में विराजित लब्धि समुदाय के गच्छाधिपति आचार्य श्री अशोकरत्नसूरीश्वरजी म.सा., आचार्य श्री अमरसेनसूरीश्वरजी म.सा., मुनि श्री अजितसेनविजयजी म.सा. व सुशील धाम के संस्थापक आदि ने शिखरजी की पवित्रता बरकरार रखने की अपील की थी। स्मरण रहे सन् १९८८ में काचरकनहल्ली में बड़ पैमाने पर कत्लखाने के विरोध में सम्मेतशिखरजी का विषय १९९४ में, पालीताणा का विषय १९९६ में, घाटकोपर में जगडूशाह मंदिर तोड़ने का विरोध २००४ में, केशरीयाजी तीर्थ अधिग्रहण २००७ में, संथारा हेतु सभी सम्प्रदायों की रैली चिकपेट मंदिरजी होते हुए २०१५ में, आदि जब-जब चिकपेट दादा आदिनाथ से आवाज उठी, सफलता के शिखर छुए।

जैन धर्म में चमत्कार है नहीं, मगर हो जाते हैं, प्रत्यक्ष उदाहरण १५-१०-२०१८ का विराट महिलाओं की रैली नारी शक्ति के प्रभाव का, ७ दिन अन्दर प्रत्यक्ष प्रभाव बेंगलोर में विराजित आचार्य भगवंतों, साधु-साध्वी भगवंतों, महिलाओं-युवतियों बच्चों आदि ने रैली में भाग लिया, प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग किया, उन सभी के प्रयासों से झारखंड के मुख्यमंत्री श्री रघुवरदासजी ने जैनों की मांंग पर गंभीर विचार कर सभी मांगें मानकर नोटिफिकेशन जारी किया, एक बार पुन: हम सबके सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हैं।

– लब्धिसूरि जैन धार्मिक शिक्षण
शिक्षक उत्कर्ष ट्रस्ट, बेंगलोर, कर्नाटका, भारत

सेहत के लिए वरदान से कम नहीं है जौ

जौ ऐसा अनाज है, जिसके सेवन से हमारे शरीर को कई पोषक तत्व तो मिलते ही हैं, साथ ही साथ ये हमें कई बीमारियों से भी बचाता है। जौ, गेहूं की ही जाति का एक अनाज है, लेकिन ये गेहूं की अपेक्षा हल्का और मोटा अनाज है, जौ में मुख्य रूप से लेक्टिक एसिड, सैलिसिलिक एसिड, फास्फोरिक एसिड, पोटेशियम और कैल्शियम उपलब्ध होता है। आइए जानते हैं जौ के फायदे:

एसिड और कैल्शियम पाया जाता है
  • मोटापा खत्म करें : ९५ प्रतिशत लोग मोटापे की समस्या से परेशान रहते हैं, जौ के सत्तू और त्रिफले के काढ़े को पीने से मोटापा समाप्त हो सकता है, इसके अलावा जो व्यक्ति कमजोर हैं, वे जौ को दूध के साथ खीर बना कर खाने से मोटे हो जाते हैं।
  • रंग निखारता है : जौ सिर्फ आंतरिक ही नहीं, बल्कि बाहरी रूप सेभी लाभकारी है, ये रंग को निखारने के लिए वरदान है। जौ का आटा, पिसी हुई हल्दी और सरसों के तेल को पानी में मिलाकर लेप बना लें, रोजाना शरीर में इसका लेप करके गर्म पानी से नहाने से रंग निखरता है। (केवल श्रावकों के लिए)
  • डायबिटीज करे नियंत्रित : डायबिटीज को अगर धीमी मौत कहें तो कुछ गलत नहीं होगा, ये बीमारी लोगों की लाइफस्टाइल पर निर्भर करती है, इसके लिए कोई एलोपैथी दवा काम नहीं करती, इसलिए इस
    बीमारी से छुटकारे के लिए आपको हेल्दी डाइट लेने की जरूरत है। डायबिटीज के रोगी जौ के आटे की रोटी और सत्तू बनाकर खा सकते हैं, जौ के आटे में चने का आटा मिलाकर भी खाया जा सकता है।
  • पथरी में आराम : खराब और दूषित खानपान के चलते अधिकतर लोग पथरी की समस्या से परेशान रहते हैं, इस बीमारी से पीड़ित लोग जौ को पानी में उबालें, इसे ठंडा करने के बाद रोज १ ग्लास पिएं, ऐसा
    नियमित करने से पेट की पथरी गलती है, इसके अलावा ऐसे लोग जौ की रोटी, घाणी और जौ का सत्तू भी ले सकते हैं।
‘‘जौ का पानी पेट के रोगों के लिए बहुत लाभदायक है, इसके
अलावा पथरी के इलाज में जौ का पानी बहुत असरकारक है’’

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