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Jinagam Magazine
चेन्नई के इतिहास में, ऐतिहासिक दीक्षा महोत्सव

चेन्नई के इतिहास में, ऐतिहासिक दीक्षा महोत्सव

तेरापंथ धर्मसंघ में आचार्यश्री महाश्रमणजी ने प्रदान की २३ दीक्षाएं ग्यारह नवम्बर २०१८ रविवार को चेन्नई में जहां नव रश्मियों को बिखेर कर प्रकृति को उल्लासित किया, तो वहीं दूसरी और महावीर परम्परा के संयम पुरोधा आचार्य महाश्रमणणी ने २३ समणियों व मुमुक्षु भाई-बहनों को संयम-रत्न प्रदान कर उनके जीवन में नव सूर्य का उदय किया।माधावरम् स्थित जैन तेरापंथ नगर के महाश्रमण समवसरण में वृहद् दीक्षा महोत्सव में हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए आचार्य महाश्रमण ने कहा कि आर्हत् वाड़मय् में शास्त्रकार ने कहा है कि प्रार्थी में पहले ज्ञान होना चाहिए फिर आचर और...
जैन एकता के परम समर्थक

जैन एकता के परम समर्थक

गच्छाधिपति ज्योतिषसम्राट ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. का संक्षिप्त परिचय जन्म : ज्येष्ठ सुदी ७, संवत् २०१४, दिनांक ४ जून १९५७मूल निवास : सियाणा (राजस्थान)गृहस्थ नाम : मोहनकुमारगौत्र : थुरगोता काश्यप प्राग्वाट (पोरवाल)      पिता : शा. श्रीमान् मगराजजीमाता : श्रीमती रत्नावती (संयम में – तपस्वीरत्ना पूज्य सुसाध्वी श्री पीयूषलताश्रीजी म.सा.)भाई : नथमल (संयम में – प.पू. आचार्यदेव श्री रवीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा.)बहन : जीवी बहन।दीक्षा : द्वितीय ज्येष्ठ सुदी १०, दिनांक २३ जून १९८० श्री मोहनखेड़ा तीर्थ (म.प्र.) दीक्षा गुरु प.पू. श्री मोहनखेड़ा तीर्थोद्धारक कविरत्न आचार्यप्रवर श्रीमद्विजय विद्याचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा.‘पथिक’शिष्य सम्पदा: मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा.,                     ...

नमन उन महामानव

गच्छ नायक बनकर त्रिस्तुतिक सिद्धांत को पुन: स्थापित करने वाले महान युग पुरुष २०वीं शताब्दी के महान ज्योतिधर ‘श्रीमद् विजय राजेन्द्रसूरिश्वरजी म.सा.’ जैसा क्रियोद्धारक प्रकांड मनीषी युग पुरुष इस धरती पर यदा-कदा ही अवतरित होते हैं। ऐसे युग पुरुष गुरुदेव की जन्मतिथि और देहलोक लीला सम्वसरण दोनों ही एक ही दिन पौष शुक्ला सप्तमी की हैं, इसे एक देवी संयोग ही कहा जायेगा जो अपने आप में विशिष्ट हैं। संक्षिप्त जीवन सौरभ : जन्म : वि.सं. १८८३ पोष शुक्ल सप्तमी, जन्म स्थान : भरतपुर, सांसारिक नाम : रत्नराज, पिता : ऋषभदासजी, माता : केशरदेवी, गौत्र : पारेख, दीक्षा : वि.सं...
राष्ट्रसंत चंद्रप्रभ जी: प्रार्थना और परोपकार से चमत्कार

राष्ट्रसंत चंद्रप्रभ जी: प्रार्थना और परोपकार से चमत्कार

प्रतिदिन करें प्रार्थना, परोपकार व प्रणाम आएंगे चमत्कारिक परिणाम – राष्ट्रसंत चन्द्रप्रभ मुंबई: मीरा रोड पूर्व कनकिया स्थित रश्मि विला में पूज्य आचार्य श्री पद्मसागर सूरि जी म., आचार्य श्री हेमचन्द्र सागर सूरिजी, आचार्य श्री विवेकसागर सूरिजी और राष्ट्रसंत श्रीललितप्रभ जी व राष्ट्रसंत श्री चंद्रप्रभ जी के साथ अनेक मुनि भगवंत और साध्वी भगंवतों का धर्म समागम समारोह आयोजित किया गया|आदिनाथ जैन मंदिर, भायंदर से धर्म जुलूस निकला जो मीरा रोड पहुंचकर धर्मसभा में बदल गया। इस दौरान गणिवर्य श्री प्रषांतसागरजी, पूज्य श्री नीति सागरजी, साध्वी श्री नलीनीयषाजी, श्रमण संघीय साध्वी श्री सोरभसुधाजी भी उपस्थित थे।धर्मसभा को संबोधित करते हुए...

धार्मिक-सामाजिक-राष्ट्रीय कार्य के प्रहरी

श्री बाबुलालजी धनराजरजी डोडिया गांधा श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में भगवान महावीर के मोक्ष कल्याणक तथा लब्धी प्रदाता श्री गौतमस्वामी के केवलज्ञान दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले पंचान्हिका महोत्सव का १० वर्ष से लाभ ले रहे परमगुरुभक्त श्री बाबुलाल धनराज जी डोडिया गांधी का परिचय ‘जिनागम’ के इस अंक में हम आपसे करवाते हैं।यशस्वी राजस्थान के ऐतिहासिक जालोर जिले के धुम्बड़िया में आपका जन्म १६ फरवरी १९५५ को हुआ था। आपके पूज्य पिता श्री धनराजजी व माताजी श्रीमती कमलाबहन दादागुरुदेव के प्रति आस्थावान धर्मनिष्ठ थे और उन्होंने यही संस्कार अपने तीनों पुत्र सर्वश्री बाबुलालजी, मीठालालजी व सुमेरलालजी व पुत्री...