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Jinagam Magazine

डिजिटल विद्या के द्वारा जैन धर्म की पढ़ाई

नांदगांव : भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा के अंतर्गत युवा महासभा के माध्यम से भारत के जैन इतिहास में पहली बार नांदगांव में बच्चों के लिये ‘डिजिटल पाठशाला’ का उद्घाटन किया गया। भारतवर्षीय दिगम्बर युवा महासभा के कार्याध्यक्ष पारस लोहाडे (नासिक) और संयुक्त महामंत्री आनंद काला (नांदगांव) की नियुक्ति के बाद यह पहला कदम था, नांदगांव में छोटे बच्चों की पाठशाला को डिजिटल पाठशाला का स्वरुप दिया गया। भाद्रपद के पहले ही दिन यानी ऋषिपंचमी को श्री. खं.दि.जैन मंदिर में डिजिटल पाठशाला का उदघाटन किया गया। डिजिटल पाठशाला का उद्घाटन माननीय जयकुमार कासलीवाल, (वकील) एवम् खं.दि.जैन समाज के अध्यक्ष सुशिलकुमार कासलीवाल...
श्रीफल भेट

श्रीफल भेट

दिगम्बर जैन समाज सामाजिक संसद इंदौर के नेतृत्व में मुनि प्रमाण सागरजी एवं विराट सागरजी को १३४१ श्रीफल भेट इंदौर से १७ बसों एवं ६५ कारों का काफिला रतलाम में विराजमान शंका समाधान प्रणेता प.पु. मुनि १०८ प्रमाण सागरजी,विराट सागरजी को इंदौर पधारने का निवेदन करने विशेष धर्म सेवा दल पहुंचा, जिसमें नवनिर्वाचित अध्यक्ष नरेंद्र वैद, विमल सोगानी सहित ७३ प्रमुख पदाधिकारी की उपस्थिति में गुरुदेव को इंदौर पधारने का विनम्र निवेदन किया गया। इस महोत्सव में प्रमुख रूप से प्रदीप बड़जात्या, सुरेंद्र बाकलीवाल, सौरभ पाटौदी, राहुल सेठी, डी. के. जैन, मुकेश टोंगिया, पिंकेश टोंगिया, शकुन्तला वैद, जेनेश झांझरी, सुदीप...
प्राचीन पुरातत्व तीर्थों की सुरक्षा आवश्यक- निर्मलकुमार सेठी जैन

प्राचीन पुरातत्व तीर्थों की सुरक्षा आवश्यक- निर्मलकुमार सेठी जैन

चिकलठाणा (महाराष्ट्र) : जैन धर्म अति प्राचीन धर्मों में से एक है तथा जैन धर्म केवल भारत में ही नहीं, विश्व के कोने-कोने में जैन धर्म फैला हुआ था। अफगानिस्थान से लेकर इरान, इराक, इथोपिया, युरोप, अमेरिका आदि अनेक स्थानों पर जैन धर्म का अस्तित्व था। पुरातत्व के धर्मो से, प्राचीन तीर्थं क्षेत्रों की ‘‘सुरक्षा’’ और संरक्षण होना आवश्यक है, ऐसे भावपूर्ण उद्गार भारतवर्षिय दिगम्बर जैन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्मल कुमार सेठी ने औरंगाबाद (महाराष्ट्र) में अध्यात्मयोगी राष्ट्रसंत आचार्य १०८ विशुद्ध सागरजी महाराज के सानिध्य में हिराचंद कासलीवाल प्रांगण में भारतवर्षिय दिगम्बर जैन महासभा अधिवेशन में बोल रहे थे।...
चातुर्मास संदेश

चातुर्मास संदेश

प्रति वर्ष की भांति वर्षावास जारी है। भगवान महावीर से लेकर वर्तमान तक सभी साधु-साध्वी वृन्द चातुर्मास में चार माह एक स्थान पर रहकर आराधना में रत रहते हैं। विहरमान अरिहंत परमात्मा भी चार माह के चातुर्मास करते हैं, इस काल में एक स्थान पर रहकर त्रिगुप्ति की विशेष आराधना की जाती है। आवश्यक प्रवृति समितिपूर्वक करें क्योंकि इस काल में वातावरण के अन्तर्गत अत्याधिक त्रास व स्थावर जीवों की उत्पत्ति हो जाती है, उनकी रक्षा व आत्म-साधना का अवसर है चातुर्मास, देश भर में सभी साधु-साध्वियों के आध्यात्मिक चातुर्मास पर हार्दिक मंगलभावना यह है कि आप सभी का यह...
आचार्य अनेकांत सागर जी महाराज ससंघ की शोभा यात्रा

आचार्य अनेकांत सागर जी महाराज ससंघ की शोभा यात्रा

इंदौर के धर्म प्रेमी समाज ने शानदार गुरु भक्ति का परिचय दिया। समाज जनों के अविस्मरणीय सहयोग से पुलक मंच परिवार ने एक नया इतिहास रचा। चारित्र चक्रवर्ती परम् पुज्य आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज की अक्षुण परम्परा के सप्तम पट्टाचार्य परम् पुज्य आचार्य श्री अनेकान्त सागर जी महाराज ससंघ, तीन मुनिराज, पांच माताजी, एक क्षुल्लक जी आदि ९ पिच्छी धारी साधु-संतों का माँ अहिल्या की नगरी इंदौर शहर में अखिल भारतीय पुलक जन चेतना मंच एवम राष्ट्रीय जैन महिला जागृति मंच, इंदौर के तत्वावधान एवम आचार्य ससंघ के पावन सानिध्य में माणक चोक मन्दिर राजवाड़ा से भव्य विशाल शोभा...