सम्मेदशिखरजी की पवित्रता बनाए रखें- दिलीप सुराणा
सम्मेदशिखरजी की पवित्रता बनाए रखें
बेंगलुरू: अत्तीबेल स्थित सुराणानगर में पाश्र्वसुशील धाम में लब्धिसमुदाय गच्छाधिपति आचार्य श्री अशोकरत्नसुरीश्वरजी म.सा., आचार्य श्री अमरसेनसूरीश्वरजी म.सा., मुनिश्री अजितसेन विजयजी की निश्रा में श्रीमती भंवरीबाई घेवरचन्दजी दिलीपजी-अर्चना, आनन्दजी-मोनीका सुराणा परिवार द्वारा सम्मेत शिखरजी की पवित्रता बनाए रखने की अपील की गई। आचार्य श्री अशोकरत्नसुरीश्वरजी म.सा. ने कहा झारखंड-गिरीडिह जिला में मधुबन जंगल में पवित्र तीर्थ शिखरजी श्रद्धालुओं के लिए सिर्फ पहाड़ नहीं पूरा पर्वत पूजनीय है।
पर्यटन के नाम पर वहां हॉटल-रेस्टोरेन्ट बनाने से गटर का गंदा पानी, कचरा पर्वत पर डालने से पवित्रता बरकरार नहीं रख पायेगें, साथ ही वहां दारू, मांस, मासिक धर्म (एम.सी.) वाली भी पर्यटन से पर्वत पर आने से पवित्रता नष्ट होगी, वन्य प्राणीयों पर शिकार जैसे हिंसक वारदात को भी अंजाम दिया जायेगा, अन्य जनजाति विशेष मंदिर से पवित्रता को खतरा है। अन्य गतिविधियों को मद्देनजर रखकर झारखंड सरकार पर्यटन स्थल योजना को तुरन्त रद्द करें, प्रसिद्ध समाजसेवी व ‘जिनागम’ के प्रबुद्ध पाठक दिलीप सुराणा ने कहा कि. टुरिस्ट स्पॉट व विकास के नाम पर वृक्ष छेदन होने से पर्यावरण को नुकसान होने से बचाने के लिए पर्यटन स्थल योजना रद्द करें। बेंगलुरू में विराजित नौ आचार्यों, एक पंन्यास प्रवर ने योजना रद्द करने हेतु हस्ताक्षर युक्त पत्र झारखंड सरकार को भेजा, इस अवसर पर जयन्तीलाल सुराणा जैन, देवकुमार के. जैन सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
झारखंड मुख्यमंत्री का निर्देश
रांची: झारखंड मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है के पर्यटक व श्रद्धालु पारसनाथ के दर्शन के लिए मधुबन से पैदल और डोली के माध्यम से ही जा सकते हैं, बाईक या अन्य वाहन से दर्शन के लिए ऊपर जाना प्रतिबंधित रहेगा। वृद्ध-दिव्यांग पर्यटकों या श्रद्धालुओं को अत्यंत विशेष परिस्थिति में ही जिला प्रशासन वाहन के उपयोग की अनुमति देगा, उन्होंने इसे तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री झारखण्ड मंत्रालय में पारसनाथ पहाड़ी स्थित जल मंदिर के जीर्णोद्धार सहित अन्य पर्यटकीय विकास से संबंधित बैठक की समीक्षा कर रहे थे, मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय संस्कृति के लिए मरांगबुरू का मंदिर भी पर्यटन प्लान के तहत बनाया जाएगा, जैन धर्म एवं स्थानीय लोक सांस्कृतिक परम्पराओं यह अनुपम उदाहरण होगा। वन विभाग से संबंधित मामले तीन माह के अंदर वन विभाग सभी पहलुओं की जांच करते हुए अपनी समींक्षा दें, स्थानीय नागरिकों जिनकी जीविका पर्यटकों से जुड़ी हुई, उनका खास ध्यान रखा जाए। पारसनाथ पहाड़ी की नैसर्गिता और वन्य पशुओं सहित समस्त जैवविविधता सहित तमाम जल दााोतों का संरक्षण करते हुए पर्यटन की दृष्टि से विकास होगा। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. सुनील कुमार वर्णवाल, भूमि राजस्व सचिव कमल किशोर सोन, पेयजल स्वच्छता सचिव आराधना पटनायक, प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय कुमार, पर्यटन सचिव मनीष रंजन, गिरिडीह के उपायुक्त मनोज कुमार एवं एसपी गिरिडीह सुरेन्द्र कुमार झा आदि उपस्थित थे।
जैन तीर्थ सम्मेद शिखरजी की पवित्रता को कोई क्षति नहीं पहुंचेगी
तीर्थ क्षेत्र पर कोई अन्य निर्माण नहीं होगा प्रतिनिधिमंडल को दिया आश्वासन SAVE शिखरजी के नाम से जैन समाज ने चलाया था अभियान जैन समाज के श्रद्धा का प्रतीक २० तीर्थंकरों की निर्माण भूमि श्री सम्मेद शिखरजी तीर्थ का संपूर्ण परिसर जैन धर्म के धार्मिक तीर्थ के रूप में ही रहेगा, इसकी पवित्रता को किसी भी तरह की क्षति नहीं पहुंचने दी जाएगी, ऐसा स्पष्ट प्रतिपादन झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किया। ऑल इंडिया जैन माइनॉरिटी फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित गांधी, सांसद दिलीप गांधी के नेतृत्व में जैन समाज के प्रतिनिधि मंडल ने झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास से मुलाकात कर, सम्पूर्ण भारत भर में चल रहे ‘शिखरजी बचाओ’ अभियान की जानकारी दी एवं समस्त जैन समाज के तीर्थ के प्रति संवेदनाएं एवं अपेक्षाओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया, इस तीर्थ की पवित्रता बनी रहे ऐसी अपेक्षा सरकार से व्यक्त की। ललित गांधी ने मुख्यमंत्री महोदय को आगे कहा कि इस तीर्थ पहाड़ पर जैन धर्मों के २० तीर्थंकरों का निर्वाण स्थल है और यह जैन धर्म के सभी संप्रदायों का सबसे महत्वपूर्ण श्रद्धा का केंद्र भी है यहां कोई अन्य निर्माण नहीं होने चाहिए जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे।
मुख्यमंत्री रघुवर दास जी ने स्पष्ट रूप से आश्वस्त किया कि तीर्थ पहाड़ी पर जैन धर्म के मंदिरों के अलावा अन्य कोई निर्माण नहीं होगा, श्री सम्मेद शिखरजी तीर्थ झारखंड के लिए भी गौरव का विषय है और इसे उसके मूल रूप में बनाए रखना हम सबका दायित्व भी है। चर्चा में ऑल इंडिया जैन माइनॉरिटी फेडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री संदीप भंडारी, संयुक्त मंत्री सौरभ भंडारी, दिगम्बर समाज के जे. के जैन, झारखंड सरकार के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे, इस विषय से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने हेतु मुख्यमंत्री महोदय ने जैन समाज के व्यापक प्रतिनिधि मंडल को आमंत्रण भी दिया, पत्रकार परिषद में जैन समाज के अग्रणी फेडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री संदीप भंडारी, डी.सी.सोलंकी, प्रवीण जैन, जिनेंद्र कावेडीया, विजय जिरावला, प्रशांत झवेरी आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे। मुख्यमंत्री महोदय की इस बैठक के पूर्व जैन समाज के प्रतिनिधि मंडल ने भारत सरकार के अल्पसंख्यांक कार्य राज्यमंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार तथा सांस्कृतिक एवं पर्यावरण राज्यमंत्री डॉ. महेश शर्मा से संयुक्त बैठक की और जैन धर्म के महत्वपूर्ण तीर्थ सम्मेद शिखरजी एवं श्री शत्रुंजय गिरिराज पालीताना, दोनों तीर्थ क्षेत्रों को धार्मिक संरक्षित, धार्मिक पूजा स्थल के रूप में घोषित करने की मांग की। डॉ. महेश शर्मा ने इस विषय की गंभीरता का संज्ञान लेते हुए उचित कार्यवाही करने का आश्वासन भी दिया। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने जैन समाज की श्रद्धा एवं जैन समाज की भावनाओं से डॉ. महेश शर्मा को अवगत कराया।
ऑल इंडिया जैन माइनॉरिटी फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित गांधी के अनुसार जैन धर्म की मान्यताओं का विश्लेषण करते हुए इन तीर्थों की पवित्रता रखना और इसे धार्मिक क्षेत्र के रूप में ही सुरक्षित रखना ही हमारी सबसे प्रथम सर्वोच्च प्राथमिकता है, इस चर्चा में राष्ट्रीय महामंत्री संदीप भंडारी और संयुक्त मंत्री सौरभ भंडारी भी सहभागी हुए। ऑल इंडिया जैन माइनॉरिटी फेडरेशन की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित गांधी, अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार आदि ने संस्कृत मंत्री डॉक्टर महेश शर्मा को इस विषय का ज्ञापन सौंपा। ‘सेव शिखरजी अभियान’ के माध्यम से पूरे भारत की जैन समाज में तीर्थ रक्षा संबंधी विशेष जागरूकता निर्माण हुई और एक सफल अभियान के रूप में तीर्थ रक्षा संबंधी सरकार द्वारा अपेक्षित निर्णय प्राप्त करने में ‘ऑल इंडिया जैन माइनॉरिटी फेडरेशन’ के राष्ट्रीय महामंत्री संदीप भंडारी ने सफलता पाई, इसका श्रेय पूरे भारत भर के सभी जैन आचार्य, सेव शिखरजी अभियान को संचालित करने वाले आचार्य युगभुषणजी महाराज एवं भारत भर के जैन समाज ने इस अभियान में सहभागी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया।