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Jinagam Magazine
आत्मिक-आध्यत्मिक उत्थान का अवसर चार्तुमास

आत्मिक-आध्यत्मिक उत्थान का अवसर चार्तुमास

आत्मिक-आध्यत्मिक उत्थान का अवसर चार्तुमास आत्मिक-आध्यत्मिक उत्थान का अवसर चार्तुमास (Chaturmas, the occasion of spiritual ) वर्षाकाल के चार महीनों को चार्तुमास के नाम से जाना जाता है। चार्तुमास का समय आषाढी पुनम से लेकर कार्तिक पूनम तक होता है। इसका प्रारंभ आषाढ़ी १४से हो जाता है। प्रत्येक तीन वर्षों के पश्चात् चार्तुमास चार महीनों की जगह पांच महीनों का हो जाता है। इस वर्ष चार्तुमास १८ जुलाई से आरंभ होने जा रहा है। बरसात के मौसम में अत्यधिक सुक्ष्म जीवों की उत्पति होती हैं और उससे सारी धरती आकीर्ण हो जाती है। आवागमन या विहार करने से उन जीवों...
पर्यावरण और जैन सिद्धांत

पर्यावरण और जैन सिद्धांत

पर्यावरण और जैन सिद्धांत पर्यावरण और जैन सिद्धांत : पर्यावरण हमारे जीवन का महत्व पूर्ण तत्व है, ईश्वर ने इस सृष्टि की रचना की और मुक्त हाथों से हमें प्रकृतिक संपदाआें का खजाना प्रदान किया, लेकिन मनुष्य ने अपनी लालसा और लालच में आकर इन अमूल्य संपदाओं के साथ खिलवाड़ किया, यही वजह हैं कि हमें प्रकृतिक आपदाओं से निरंतर लड़ना पड़ रहा है। अति वर्षा, सुखा, भुकंप, भू संखलन, बर्फ का पिघलना, अतिगर्मी-सर्दी सुनामी आदि का सामना कर ना पड़ रहा है और हजारों मनुष्यों को एक साथ जान-माल से हाथ धोना पड़ रहा है। अगर हम आने वाली...
जैन धर्म है अति प्राचीन धर्म

जैन धर्म है अति प्राचीन धर्म

वैदिक पुराणों के पन्नों सेजैन धर्म है अति प्राचीन धर्म हमारा यह संसार अनादिकाल से विद्यमान है, इस जगत का न कोई आदि है न कोई अन्त, जैसे यह संसार अनादि निदान है वैसे ही जैन धर्म भी अनादि निधन है, ऋग्वेद के पूर्वकाल में भी जैनधर्म विद्यमान था। इतिहास के विभिन्न काल खंडों में जैन धर्म को विभिन्न नामों से जाना जाता था, कभी यह श्रमण धर्म के नाम से, कभी व्रात्य के नाम से, कभी अर्हत के नाम से, तो कभी लोग इसे निर्ग्रन्थ धर्म के नाम से पहचानते थे, परन्तु महावीर युग से इसे जैन धर्म के...

भगवान पार्श्वनाथ जी का अतिशय क्षेत्र कमठाण

भगवान पर्श्वनाथ जी का अतिशय क्षेत्र कमठाण जैन धर्म भारत वर्ष का अत्यन्त प्राचीन धर्म माना जाता है, क्रिस्त के जन्म से चार सौ साल पहले मौर्य चक्रवर्ती चंद्रगुप्त को कर्नाटक प्रांत का श्रवणबेलगोला में मानसिक शुद्धि के लिए आश्रय देकर जीवन रक्षण किया था, जैन धर्म बाहर के ठाट-बाट से उपर उठकर भीतरी शुद्धि को महत्व देने वाला धर्म है, जैन धर्म ने उत्तर भारत में जन्म लेकर सारे संसार को अहिंसा का संदेश दिया, दक्षिण भारत के कर्नाटक में जैन धर्म का डंका बजा, कर्नाटक का इतिहास इसका गवाह है, जैन धर्म का मूल तत्व अहिंसा का पालन...

मैं भारत हूँ परिवार द्वारा सुरेश नावंदर पुणे रत्न से सम्मानित

मैं भारत हूँ परिवार द्वारा सुरेश नावंदर पुणे रत्न से सम्मानित (Suresh Navandar honored with Pune Ratna by main bharat hun family)श्री माहेश्वरी बालाजी मंदिर, कसबा पेठ, तथा महेश सेवा संघ पुणे के भूतपूर्व अध्यक्ष एवं विश्वस्त सुरेश नावंदर को मैं भारत हूँ परिवार द्वारा सामाजिक तथा सांस्कृतिक क्षेत्र में उत्कृष्ठ सेवा के लिए पुणे रत्न सम्मान दिया गया।‘मैं भारत हूँ’ परिवार की ओर से जूम मिटींग पर ‘भारत को ‘भारत’ कहें वेबिनार में अध्यक्ष ज्येष्ठ पत्रकार बिजय कुमार जैन इस विषय में अपनी भूमिका बतायी। कार्यक्रम के दौरान पुणे रत्न पुरस्कार से २५ लोगों को जूम पर सन्मानित किया...